Breaking News

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हुई ‘ परमाणु की छांव में ‘

लखनऊ। जांने मॉने व्यंग्यकार पंकज प्रसून कि चर्चित किताब ‘ परमाणु की छांव में ‘ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के बाद एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स ने भी दर्ज किया है। इस किताब के साथ ही पँकज प्रसून ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि यूरेनियम, थोरियम, भारी जल, नाभिकीय विखंडन आदि विषयों पर भी ग़ज़ल , गीत व कवितायेँ लिखी जा सकती हैं।

परमाणु जैसे विषय पर ‘ परमाणु की छांव में ‘

एक व्यंग्य कवि का परमाणु जैसे विषय पर कविता की किताब लिखने के पीछे का उद्देश्य बताते हुए पँकज प्रसून ने कहा कि विज्ञान के प्रति जनता को जागरूक करना, साथ में विद्यार्थियों के अंदर वैज्ञानिक चेतना को जागृत करना उनका मिशन है जिसे वह 10 सालों से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शेर या कविता में कोई बात की जाय तो लोगों को याद हो जाती है। अगर विज्ञान के तथ्यों, सिद्धांतों को रसमय तरीके से कविता में पिरो कर पेश किया जाय तो जन जन तक पहुँचाया जा सकता है।

परमाणु जागरूकता की आवश्यकता बताते हुए वह कहते हैं कि हमारे पास ऊर्जा के प्राकृतिक श्रोत सीमित हैं ऐसे में हमको परमाणु बिजली की आवश्यकता पड़ेगी। लोगों के दिमाग में यह रहता है कि परमाणु का मतलब बम होता है। नाभिकीय रियेक्टर लगने पर कुछ लोग विरोध करते हैं। कुडनकुलम इसका उदाहरण है।

उन्होंने इस विषय पर लिखा है कि-

किस शिखर पर इस देश का परचम नही होता,
ग्रामीण इलाकों में अगर तम नही होता।
पेट्रोल का विकल्प है, ऊर्जा का स्रोत है,
परमाणु का मतलब हमेशा बम नही होता।

प्रसून ने इस किताब में परमाणु विज्ञान के जटिल सिद्धांतों को बेहद रोचक तरीक़े से लिखा है। वह कहते हैं कि देश के प्रमुख न्यूक्लियर रिएक्टरों रावतभाटा, नरौरा, कुडनकुलम, कामिनी आदि पर रोचक कविताएं हैं। रचनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि भारी जल आधारित प्रथम न्यूक्लियर रियेक्टर अप्सरा पर उन्होंने ‘अप्सरा पर तप्सरा’ लिखा है-

आओ सुनाएं तुम्हे मीठा सा तप्सरा, उतरी जब भारत में एक हंसी अप्सरा।

इस किताब में देश के महान परमाणु वैज्ञानिकों – डॉ अब्दुल कलाम, होमी जहांगीर भाभा, राजा रमन्ना, होमी सेठना पर कविताएं लिखी हैं।

किताब लिखने का उद्देश्य

पर्यावरण जागरूकता की तरह आज परमाणु जागरूकता की आवश्यकता है। विदेशी कम्पनियां यहा नही चाहती हैं कि परमाणु बिजली के द्वारा आत्मनिर्भर बनें, इसलिए वह यहाँ के लोगों से विरोध करवाती हैं। न्यूक्लियर रिएक्टर लगने से पहले सरकार को विरोध का सामना करना पड़ता है।

इस किताब में न्यूक्लियर पावर कॉर्पिरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्पिरेट मैनेजर एवं परमाणु जागरूकता को लेकर कॉमिक सीरीज बुधिया के लेखक अमृतेश श्रीवास्तब का तकनीकी योगदान शामिल है।

बता दें, पँकज प्रसून ने इंजीनियरिंग, बायोटेक, कमेस्ट्री, आनुवांशिकी जैसे विषयों पर भी कबिताएँ लिखी है। वह इन कविताओं को समाज से जोड़कर संदेश देने का काम करते हैं। 34 वर्षीय पंकज प्रसून को वर्ष 2017 में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित लालकिला कवि सम्मलेन के मंच से काव्य पाठ करने के साथ कई बड़े मंचों, आईआईटी आईआईएम जैसे संस्थानों में निरन्तर व्यंग्यपाठ करने का गौरव प्राप्त है।

  • पंकज प्रसून ने समाज और राजनीति की विसंगतियों पर लगातार कलम चलाई है।
  • उनकी कई कविताएँ सोशल मीडिया पर वायरल है जिनमें नोटबंदी की शायरी, स्कूटी चलाती लड़की, गांधी मार्ग जैसी कविताएं बड़े चाव से सुनी जाती हैं।

About Samar Saleel

Check Also

दिल्ली में MoU पर हस्ताक्षर, पूर्वांचल के लिए बड़ी बात; सुधरेंगी सुविधाएं

वाराणसी। आईएमएस बीएचयू में एम्स जैसी सुविधा मिलने की दिशा में एक बार फिर नए ...