लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, लखनऊ द्वारा नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। उन्होंने नैक के सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार समीक्षा करते हुए एसजीपीजीआई की नैक टीम सदस्यों में आपसी तालमेल का अभाव लक्ष्य किया।
उन्होंने कहा कि सभी क्राइटेरिया सदस्य प्रत्येक क्राइटेरिया के प्रस्तुतिकरण को बेहतर करने में योगदान दें। उन्होंने प्रस्तुतिकरण को बेहतर बनाने के लिए बैठक में दिए गए निर्देशों का प्रतिबद्धता से अनुपालन करने को कहा।
बैठक में राज्यपाल ने कहा कि संस्थान विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त विशेष चिकित्सा संस्थान है, जिसकी सभी विशेषताओं को समग्रता से एसएसआर में दर्शाया जाए। क्राइटेरिया वन में विविध बिंदुओं पर चर्चा के मध्य उन्होंने ट्रांसजेंडर्स को दी गई चिकित्सा सुविधाओं, विशेष सर्जरी से स्वास्थय लाभ को हाइलाइट करने को कहा।
उन्होंने संस्थान में विशेष चिकित्सा कार्यों, सर्जरी, अन्यतम अनुसंधानों आदि की गतिविधियों को सप्रमाण और विवरण अंकित करके फोटो सहित दर्शाने का विशेष निर्देश दिया। उन्होंने ऐसे स्वस्थ हुए मरीजों का फोटो सहित विवरण जोड़ने को कहा जो देश-विदेश में कहीं स्वास्थय लाभ नहीं प्राप्त कर सके थे। टीचिंग लर्निंग एण्ड इवैलुएशन क्राइटेरिया पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने चिकित्सा शिक्षा की पुस्तकें मातृभाषा में भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
इसी क्रम में उन्होंने नर्सिंग के लिए एससी एवं एसटी अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता के कारण रिक्त रह जा रही सीटों पर चर्चा करते हुए नियमों में शिथिलता करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यर्थियों के लिए स्कूलों में इस कोर्स के प्रति जागरूकता अभियान भी चलवाएं तथा अपेक्षित अभ्यर्थियों को योग्यता हासिल करने हेतु प्रशिक्षण भी दिया जाए।राज्यपाल ने संस्थान के निदेशक प्रो आरके धीमान को संस्थान में चिकित्सा के लिए आए रोगियों हेतु योग की व्यवस्था करने तथा योग के सकारात्मक प्रभावों पर शोध कराने को कहा। उन्होंने निदेशक को संस्थान में नैक हेतु डेटा सेल स्थापित करने को कहा, जिससे वर्षवार विवरण संकलन को संरक्षित रखा जा सके और नैक के आगामी मूल्यांकनों में उपयोग किया जा सके।
राज्यपाल ने मूल्यांकन में बेस्ट प्रैक्टिस के बिंदु पर समीक्षा करते हुए हास्पिटल रिवाल्विंग फंड को विशेष रूप से हाइलाइट करने को कहा। उन्होंने बैठक में उपस्थित चिकित्सा विशेषज्ञों से रोगी के लिए उसके परिजन को दवा की उपलब्धता न हो पाने पर आशंका और पीड़ा के साथ रोने की घटना का जिक्र करते हुए चिकित्सा हेतु सम्वेदना और मर्म को अपने प्रस्तुतिकरण में प्रमुखता से दर्शाने को कहा।
बैठक में राज्यपाल ने कहा कि एसजीपीजीआई प्रदेश का देश-विदेश स्तर पर विख्यात विशेष चिकित्सा संस्थान है। संस्थान अपनी संस्थागत सभी विशेषताओं को रिपोर्ट में समग्रता से हाइलाइट करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत एवं अकादमिक स्तर पर अन्यतम उपलब्धियां संस्थान अर्जित कर चुका है। उन उपलब्धियों को सूचीबद्ध करके नैक के क्राइटेरियावाइज बिंदुवार प्रस्तुतिकरण से जोड़ा जाए।
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यहां बताते चले कि एसजीपीजीआईएमएस पहली बार राष्ट्रीय स्तर की ग्रेडिंग नैक के लिए अपनी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। संस्थान को पहले से अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकनों में उल्लेखनीय स्थान हासिल हैं। अभी हाल ही की क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 551 से 600 के वर्ग में स्थान प्राप्त किया है, जबकि एनआईआरएफ में सर्वाेच्च दस में प्राथमिकता से सातवां स्थान प्राप्त किया है। आज की समीक्षा बैठक में संस्थान की प्रत्येक विशेषता को नैक के मानकों के अंतर्गत प्रस्तुत करके उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने हेतु विश्लेषण किया गया।
बैठक में राज्यपाल ने दिए गए निर्देशों के अनुपालन के साथ सशक्त एसएसआर तैयार करने और नैक में भी उच्चतम ग्रेडिंग की दावेदारी रखने हेतु तैयारी करने को कहा। बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, लखनऊ के निदेशक डॉ आरके धीमन, संस्थान की नैक हेतु गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।