लखनऊ। चौथे चरण के चुनाव में अधिकतर सीटों पर हाथी की चाल बिगड़ी नजर आई। नतीजतन, भाजपा और सपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच सीधे टक्कर दिखी। तमाम जगहों पर बसपा प्रत्याशी का बस्ता तक नहीं दिखा। कहीं इंडिया तो कहीं एनडीए प्रत्याशी आगे दिखे। कन्नौज में इस बार तस्वीर साफ है, बस लड़ाई मार्जिन की ही रहेगी। वहीं, खीरी में त्रिकोण बन रहा है। पेश है विस्तृत रिपोर्ट…
मोदी के रोड शो में भरत मिलाप जैसा मेला, देव दिवाली सी सजावट और नागनथैया जैसी भीड़
शाहजहांपुर: राम मंदिर का दिखा असर
शाहजहांपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर और सपा प्रत्याशी ज्योत्सना गौंड के बीच सीधी टक्कर हुई है। बसपा प्रत्याशी दोदराम वर्मा को कैडर वोट मिलने की संभावना है। हालांकि, अनुसूचित जाति के वोटों में भाजपा ने भी सेंध लगाई है। इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राम मंदिर के नाम पर मतदाता भाजपा के पक्ष में एकजुट दिखा।
इटावा: ब्राह्मण-ठाकुर वोटों का बंटवारा
भाजपा के प्रो रामशंकर कठेरिया और सपा के जितेंद्र दोहरे में सीधा मुकाबला रहा। बसपा के मुख्य लड़ाई में न होने की वजह से उसका वोट सपा के साथ जाता हुआ नजर आया। सपा प्रत्याशी दोहरे समाज के होने की वजह से इसका फायदा सपा को मिला तो चुनाव सपा के पक्ष में जा सकता है।
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से पकड़े गए अल-कायदा से जुड़े दो बांग्लादेशी, भारत में अवैध तरीके से रह रहे थे
सोमवार को मतदान के दिन कई जगह बसपा के बस्ते तक नजर नहीं आए। औरैया सदर क्षेत्र में ब्राह्मणों और ठाकुरों में भाजपा प्रत्याशी को लेकर नाराजगी मतदान के दिन भी नजर आई। इससे जीत-हार के समीकरण प्रभावित होंगे।
फर्रुखाबाद: ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान अधिक
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के मुकेश राजपूत और समाजवादी पार्टी के डॉ. नवल किशोर शाक्य के बीच है। सीधी लड़ाई में बसपा उम्मीदवार कहीं भी नजर नहीं आए।
इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मतदान के दौरान न तो बसपा प्रत्याशी कहीं दिखे और न ही उनके किसी भी मतदान केंद्र पर बस्ते लगे। दो बार से लगातार सांसद रहे भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर (एंटी इंकबेंसी) से सदर सीट पर असर पड़ सकता है।
अकबरपुर: भाजपा और सपा में टक्कर
अकबरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र सिंह उर्फ भोले का सीधा मुकाबला सपा के राजाराम पाल से है। बसपा प्रत्याशी राजेश कुमार द्विवेदी लड़ाई में कमजोर है। कुछ लोग वर्तमान सांसद से नाराज हैं।
इस वजह से पिछड़े वर्ग के मतदाताओं का रुझान गठबंधन की ओर हुआ है। इसमें मैथा और रूरा क्षेत्र के कुछ जगहों पर ब्राह्मण भी बंटा है। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में मतदान की स्थिति बेहतर रही है। हालांकि मतदान पिछले चुनाव से सुस्त है। शहरी क्षेत्र में युवा मतदाता काफी उत्साहित है। हर बूथ पर युवाओं की भीड़ भी दिखी।