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गो नंदी व गो कन्या ने लिए सात फेरे, ढोल, मृदंग की धुन पर महिलाएं करती रहीं नृत्य

 

अयोध्या। गो नंदीश्वर कल्याण के साथ गोवंश वृद्धि के लिए कारसेवकपुरम श्रीराम गोशाला में गो-विवाहोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान गो-भक्तों ने गाजेबाजे के साथ गो नंदी और गो कन्या का विवाह संपन्न कराया। उत्तर आंध्र प्रदेश गोरक्षा विभाग के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एम चंद्रशेखर दम्पति ने यज्ञशाला मंदिर में विधि विधान से नंदीश्वर मंत्र के साथ गोकन्या एवं नंदी का विवाह संपन्न कराया।

हैदराबाद के आचार्य के पार्वतीश्वर शर्मा ने मन्त्रोच्चार के बीच अक्षत, रोली, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हुए समस्त गोवंश को फल-मिष्ठान खिलाया। मन्त्रोचार के साथ हुए हवन के बाद लगभग दो दर्जन से अधिक महिलाओं ने ढोल मृदंग की धुन पर नृत्य किया| इस दौरान वादकों को नेग तथा मिष्ठान वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में सरोजिनी, विश्व हिंदू परिषद के उमेश पोरवाल, वीरेंद्र, मनीष, अभिषेक, मनोज ओझा आदि मौजूद रहे। मान्यता के अनुसार, गाय और सांड का विवाह पितृ शांति और वंश वृद्धि के लिए करवाया जाता है, लेकिन धार्मिक विद्वानों कि मानें तो गाय और नंदी की शादी का कहीं उल्लेख नहीं है। हालांकि, यह विवाह लोगों की धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है।

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रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह

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