सीबीआई ने सोमवार को बताया कि जीएसटी अधिकारियों को अब अपराधियों को गिरफ्तारी के कारणों के बारे में समझाना होगा। इसके साथ ही उनसे लिखित स्वीकृति भी प्राप्त करनी होगी। ये निर्देश क्षितिज घिल्डियाल बनाम डीजीजीआई (दिल्ली) मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के तहत हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भरोसा किया, जिसमें गिरफ्तारी के कारण और गिरफ्तारी के आधार के बीच अंतर किया गया है।
जीएसटी अधिनियम के तहत दंडनीय अपराधों के संबंध में गिरफ्तारी और जमानत के लिए दिशानिर्देशों को संशोधित करते हुए, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के कारणों को बताया जाना चाहिए। उसे लिखित रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। अगस्त 2022 में जारी पहले दिशानिर्देश के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों को गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के आधार के बारे में बताना था और गिरफ्तारी ज्ञापन में भी नोट करना था। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि गिरफ्तारी के कारण और गिरफ्तारी के आधार में अंतर है। शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, गिरफ्तारी के कारण सामान्य प्रकृति के हैं, जबकि गिरफ्तारी के आधार आरोपी के व्यक्तिगत हैं।