नई दिल्ली। केंद्रीय बजट में बड़े आवंटन की बदौलत भारतीय रेलवे देश भर में सभी के लिए तेज, सुरक्षित और आरामदायक रेल यात्रा का विस्तार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। देश को अगले दो से तीन वर्षों में 200 नई वंदे भारत ट्रेनें, 100 अमृत भारत ट्रेनें, 50 नमो भारत रैपिड रेल और 17,500 सामान्य नॉन एसी कोच मिलने की उम्मीद है।
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केंद्रीय बजट को “अद्भुत” बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगातार दूसरी बार रेल मंत्रालय को सकल बजटीय सहायता के रूप में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2,52,000 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि आवंटित करने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि नई ट्रेनें और आधुनिक कोच निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों की सेवा करने में बहुत मददगार साबित होंगे।
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट विकसित भारत के लिए रोडमैप है। इस वर्ष के बजट में रेलवे की बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं के लिए चार लाख साठ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए बजट में विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से भारतीय रेलवे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस वर्ष व्यय के लिए एक लाख सोलह हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद रेल भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बजट में न केवल निवेश के माध्यम से रोजगार सृजन का प्रयास किया गया है, बल्कि आयकर के बोझ को कम करके मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है।
इससे पहले, सरकार ने भारतीय रेलवे को पिछले वित्त वर्ष की तरह ही 2,52,000 करोड़ रुपये आवंटित करने के अलावा, इसके खर्चों को पूरा करने और इसे आधुनिक बनाने के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे पूंजीगत व्यय, कैपेक्स बढ़कर 2,62,000 करोड़ रुपये हो गया है।
इसका मतलब है कि परिसंपत्तियों, अधिग्रहण, निर्माण और प्रतिस्थापन (रिप्लेसमेंट) पर होने वाले खर्च को न केवल सकल बजटीय सहायता (रेलवे सुरक्षा कोष और राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष सहित) से, बल्कि भारतीय रेलवे के सामान्य राजस्व से भी पूरा किया जाएगा। बजट में निर्भया फंड से 200 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। रेलवे अपने आंतरिक संसाधनों से अतिरिक्त 3,000 करोड़ रुपये जुटाएगा।
बजट अनुमान 2025-26 में रणनीतिक लाइनों के संचालन पर घाटे की प्रतिपूर्ति 2739.18 करोड़ रखी गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 2024-25 में यह 2602.81 करोड़ थी। राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए बाजार उधारी के ऋण सेवा के लिए इस वित्त वर्ष में 706 करोड़ की धनराशि प्रदान की गई है। इसके साथ ही, इस वर्ष के बजट अनुमान में भारतीय रेलवे का शुद्ध राजस्व व्यय 3,02,100 करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में यह 2,79,000 करोड़ रुपये था। इस वित्त वर्ष का सकल बजटीय समर्थन 2013-14 के 28,174 करोड़ रुपये से लगभग 9 गुना अधिक है।
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे इस वित्त वर्ष के अंत तक 1.6 बिलियन टन कार्गो के आंकड़े को छूकर दूसरा सबसे बड़ा माल ढुलाई वाला रेलवे बनने के लिए तैयार है। हाई स्पीड ट्रेनों के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक 250 किलोमीटर प्रति घंटे की गति का समर्थन करने वाला 7000 किलोमीटर हाई स्पीड रेल नेटवर्क बनाना है।
स्थिरता के बारे में बात करते हुए, रेल मंत्री ने उल्लेख किया कि भारतीय रेलवे वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के काम को पूरा कर लेगा। इसके अलावा, बजट में गैर जीवाश्म ऊर्जा के स्रोत के रूप में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की घोषणा की गई है, इस संबंध में भारतीय रेलवे हमारे विद्युतीकरण प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी