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मिठाई और पेय पदार्थों में मिलाया जा रहा जहर, खतरे में लिवर-किडनी, ये बरतें सावधनी

सहारनपुर:  होली का त्योहार नजदीक आते ही लोग खाद्य पदार्थों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन जरा सी लापरवाही सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। दरअसल, मिठाई से लेकर आइसक्रीम, शीतल पेय पदार्थ और मसालों तक में नुकसानदायक रंग मिले होते हैं। इसलिए खाद्य पदार्थों को जांच-परखकर ही खरीदना चाहिए।

होली के त्योहार पर मिठाई, शीतल पेय पदार्थों की जमकर बिक्री होती है। होली पर्व नजदीक आते ही बाजार में अब खूब रौनक दिख रही है। दुकानदार इस मौके को भुनाने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं। कई खाद्य पदार्थों में नुकसानदायक रंग का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में इन खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल से लोगों के किडनी, लिवर खराब होने से लेकर कैंसर तक होने का खतरा है।

ऐसे होती है मिलावट
विभिन्न तरह की मिठाई, आइस्क्रीम, चाकलेट, शीतल पेय पदार्थों से लेकर मसालों तक में नुकसानदायक रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह रंग दो प्रकार के होते हैं। कोलतार (खाने योग्य) और प्राकृतिक (पेंट)। केवल कोलतार रंगों को ही खाने की वस्तुओं में मिलाने की अनुमति है। इसमें लाल, पीला, हरा और नीला रंग महत्वपूर्ण है। यह दो प्रकार का होता है अम्लीय और क्षारीय। शेष सभी अम्लीय और क्षारीय रंगों के इस्तेमाल पर रोक है। हालांकि अब कोलतार रंगों में भी रसायन मिलाए जा रहे हैं। उदाहरणार्थ पीसी हुई लाल मिर्च में घुलनशील रंगों की मिलावट की जाती है, जिससे कूड़ा, कंकड़, बुरादा आदि को छुपाया जा सके।

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