जमीयत उलेमा-ए-हिंद अयोध्या मुद्दे में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध सोमवार की दोपहर पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा. मुस्लिमों के इस प्रमुख संगठन के सूत्रों ने इस विषय में जानकारी दी है. जमीयत की कार्यकारी समिति ने 14 नवंबर को पांच सदस्यों का एक पैनल का गठन किया था, जिसमें कानूनी विशेषज्ञ व धार्मिक मामलों के विद्वानों को शामिल किया गया था.
इस समिति का गठन उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर के निर्णय के हर पहलु को देखने के लिए किया गया था. जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के नेतृत्व में इस पैनल ने शीर्ष न्यायालय के निर्णय को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका की संभावनाओं को देखा व सिफारिश की इस मुद्दे में समीक्षा याचिका दाखिल की जानी चाहिए. इससे पहले अध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने अयोध्या राम मंदिर व बाबरी मस्जिद मुद्दे में मुस्लिम पक्ष से अपील की है कि वह शीर्ष न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के अपने फैसला पर फिर से विचार करें.
सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम संगठन जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद मंगलवार को पुनर्विचार याचिका दायर कर सकता है. इस पर रविशंकर ने बोला है कि ‘मुस्लिम पक्ष का यह अधिकार है कि वह शीर्ष न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध पुनर्विचार याचिका दायर करें. उनके पास एक मौका है. यह मसला अब खत्म हो चुका है, इसलिए मैं उनसे बोलना है कि वे अपने फैसला (पुनर्विचार याचिका दाखिल करने) पर फिर से विचार करें. ‘