Breaking News

गूगल में डेटा को लेकर हलचल, अब सामने आया ये विवाद

गूगल के कर्मचारियों को हर दिन सुबह एक इंटरनल न्यूजलेटर दिया जाता है, जिसे ‘डेली इनसाइडर’ नाम दिया गया है। गूगल के शीर्ष वकील केंट वॉकर ने इस न्यूजलेटर के 14 नवंबर एडिशन में यह कहते हुए विवाद को हवा दी कि 21 साल पुरानी कंपनी अपनी उस पॉलिसी से आगे बढ़ चुकी है, जिसकी मदद से सभी कर्मचारियों को सभी इंटरनल डॉक्यूमेंट्स ऐक्सेस करने की परमिशन मिली हुई थी। वॉकर ने लिखा, ‘जब हम छोटे थे, तब सभी ने एक प्रॉजक्ट के रूप में और एक टीम के रूप में काम किया और हर किसी को यह बात समझ आ गई थी कि बिजनस से जुड़े फैसले कैसे लिए जाते हैं।’ उन्होंने लिखा है कि 1,00,000 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी में हर एक को हर चीज के बारे में पूरी जानकारी और कॉन्टेक्स्ट देना मुश्किल है।’ कई बड़ी कंपनियों की पॉलिसी ऐसी है कि कर्मचारियों की ‘need-to-know’ बेसिस पर संवेदनशील जानकारी तक पहुंच सीमित है।

गूगल में वॉकर की ओर से शेयर किए गए इस मेसेज की गूगल के कई कर्मचारियों ने कड़ी निंदा की है। इंटरनल मेसेजिंग फोरम पर एक कर्मचारी ने नई डेटा पॉलिसी को ‘गूगल कल्चर को पूरी तरह खत्म करने वाला’ बताया। एक इंजिनियरिंग मैनेजर ने वॉकर के नोट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और लिखा कि नई पॉलिसी हमपर विश्वास करने और हमें सम्मान देने से इनकार करती है। इंजिनियर ने इसे अभिमान प्रेरिक फैसला बताया है। कर्मचारियों की शिकायत एक सीधी कार्रवाई व विरोध के रूप में भी सामने आई है।

गूगल प्रोग्रामर्स के एक ग्रुप ने खास टूल बनाया है, जो कर्मचारियों द्वारा कोई भी डॉक्यूमेंट ओपन करने पर उन्हे एक ऑटोमेटेड ईमेल के साथ वॉकर को चुनने की परमिशन देता है, साथ ही उनसे जुड़े दो अन्य लोगों को भी ऐड किया जा सकता है। इस तरह का डिजिटल प्रोटेस्ट और हर डॉक्यूमेंट ओपन करने के बदले वॉकर को मेल भेजना विरोध का एक तरीका है। कर्मचारी संदेश देना चाहते हैं कि उनकी प्रफेशनल लाइफ के छोटे हिस्से को भी कंट्रोल करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।

About Aditya Jaiswal

Check Also

अवध विवि में ओपन एक्सेस पब्लिशिंग विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ

• ओपन एक्सेस पब्लिशिंग से शोध प्रकाशनों को फ्रीडम- डॉ मोहित गर्ग • नई टेक्नोलाॅजी ...