दुनिया में आज भी कई ऐसे मिथ यानी कि मिथक हैं जिन्हें लोग सच मानते हैं। जबकि अब तक कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि सच्चाई वो नहीं होती जो लोग मान रहे होते हैं। आइए जानें इन मिथकों के बारे में…
झूठ बोलने में आंख नहीं मिलाते:
अक्सर लोग कहते हैं कि जो लोग झूठ बोलते हैं वो उस समय आंख मिलाकर बात नहीं करते हैं। यह विचारधारा सही नही है। कई सर्वे में यह बात साफ हो चुकी है बात पूरी तरह से झूठ है।
माइक्रोवेव रेडिएशन से कैंसर:
यह सच है कि विभन्न प्रकार के रेडिएशन से कैंसर होता है। जिससे लोग माइक्रोवेव के रेडिएशन को भी इसका कारण मानते हैं, लेकिन हां उनमें माइक्रोवेव के रेडिएशन नहीं है।
चीनी से बच्चे हाइपर एक्टिव:
कहा जाता है कि चीनी से बच्चे अधिक हाइपर एक्टिव होते हैं। जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। कई अध्ययनों में यह साफ हो चुका है कि चीनी से बच्चे सामान्य रूप से ही सक्रिय होते हैं।
कुत्ते सिर्फ काले और सफेद:
बहुत से लोगों का यही मानना होता है कि कुत्ते सिर्फ काले और सफेद होते हैं। जबकि ऐसा नहीं हैं। बड़ी संख्या में डॉगी ह्यूमन कलर में और ब्लू और ग्रीन शेड में भी होते हैं।
ऊंट अपने हम्स में पानी जमा करते हैं:
बहुत से लोग अभी भी इस पर विश्वास करते हैं कि ऊंट अपने कूबड़ों में पानी जमा करते हैं। जबकि वास्तव में ऊंट अपने कूबड़ों में पानी नहीं बल्कि वसा जमा करते हैं।
ब्लड से पर्सनालिटी पता चलती:
एशिया में यह माना जाता है कि रक्त के प्रकार से इंसान का व्यक्तित्व पता चलता है। जबकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नही है कि रक्त के प्रकार से व्यक्तित्व पता चलता है।
नाश्ता न करने से बढ़ता वजन:
कई अध्ययनों में यह साफ हो चुका है कि ऐसा नही है। ब्रेकफास्ट न करने से या थोड़ा सा करने से वजन नहीं बढ़ता है।