हिंदुस्तान (India) व पाकिस्तान (Pakistan) ने 29 वर्ष से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए बुधवार को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों (Nuclear Installations) की सूची साझा की। दोनों राष्ट्रों के बीच एक दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर किसी भी तरह का हमला नहीं करने को लेकर द्विपक्षीय समझौता (Bilateral Agreement) है। समझौते के तहत दोनों देश हर कैलेंडर साल में 1 जनवरी को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा करते हैं। दोनों राष्ट्रों के बीच ये एक जरूरी प्रक्रिया है।
दोनों राष्ट्रों ने 27 जनवरी, 1991 से लागू किया था करार
विदेश मंत्रालय ने बताया कि नयी दिल्ली व इस्लामाबाद में उपस्थित राजनयिक माध्यमों के जरिये सूची का आदान-प्रदान किया गया। बता दें कि हिंदुस्तान व पाकिस्तान के बीच कश्मीर मामले को लेकर राजनयिक संबंधों में खटास आ गई है। पाकिस्तान बालाकोट में एयरस्ट्राइक व फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने को लेकर बौखला गया था। इसके बाद उसने हिंदुस्तान से राजनयिक संबंध घटाना प्रारम्भ कर दिया था। परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा करने के लिए दोनों राष्ट्रों के बीच 31 दिसंबर, 1988 को समझौता हुआ था। ये समझौता 27 जनवरी, 1991 से लागू हुआ।
बता दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान कई बार हिंदुस्तान को परमाणु युद्ध की धमकी भी दे चुके हैं। यही नहीं, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी हिंदुस्तान के विरूद्ध माहौल बनाने की नाकाम प्रयास की थी। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के मामले को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की प्रयास कर चुका है। हालांकि, हिंदुस्तान की ओर से हर बार बोला गया कि ये हमारा अंदरूनी मुद्दा है। पाकिस्तान को पिछले कुछ समय से हिंदुस्तान के विरूद्ध उठाए किसी भी मुद्दे में अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का साथ नहीं मिल पा रहा है।