गर्भवती महिलाओं को शुरुआती हफ्तों में ही प्रोजेस्टेरोन हार्मोन थेरेपी देने से उनकी गर्भावस्था में आने वाली जटिलताएं कम हो सकती हैं. साथ ही गर्भपात का खतरा कम होने की संभावना होती है. एक हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है. शोध के मुताबिक, हार्मोन थेरेपी से सफल जन्म में बढ़ोतरी हो सकती है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी में प्रकाशित शोध में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं पर हार्मोन थेरेपी के प्रभावों का अध्ययन किया गया. शोधकर्ताओं के अनुसार, गर्भावस्था की शुरुआत के दौरान जिन महिलाओं को रक्तस्राव होता है उन्हें यह हार्मोन थेरेपी दिए जाने पर गर्भपात की संभावनाएं कम हो सकती हैं.
ऐसे किए गए गर्भवती महिलाओं के परीक्षण शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन प्राकृतिक रूप से ओवरी और प्लेसेंटा द्वारा शुरुआती गर्भाव्स्था में उत्पादित किए जाते हैं. यह स्वस्थ गर्भावस्था के लिए बहुत जरूरी होते हैं. शोधकर्ताओं ने दो तरह के क्लीनिकल परीक्षण किए, जिनका नाम प्रोमिस और प्रिज्म था. प्रोमिस के तहत 836 महिलाओं का अध्ययन किया गया. इसमें पाया गया कि हार्मोन थेरेपी देने से सफल जन्मदर में तीन फीसदी की वृद्धि हुई.