अवधेश राय हत्याकांड में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एलएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सोमवार को फैसला और उसके बाद सजा सुनाये जाने के दौरान दो बार बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुख्तार अंसारी को पेश किया गया। दोपहर 12 बजे फैसले के समय जब दोष सिद्ध करार दिया गया, तब चुपचाप सुनता रहा। कोर्ट के फैसले पर हाथ जोड़े रहा।
जब दोपहर 2.10 बजे सजा के बिंदु पर कोर्ट बैठी, तब फिर से उसे बांदा जेल से पेश किया गया। सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी से मुखातिब होते हुए उनके अधिवक्ता आदित्य वर्मा ने कहा, आप इस घटना में दोषी करार दिये गये हैं। इस पर कुछ कहना है। इसी समय कनेक्शन टूट गया। फिर से मुख्तार को जोड़ा गया। दोबारा आदित्य वर्मा ने यही सवाल किया। इस पर हाथ जोड़े मुख्तार अंसारी ने कहा, ‘श्रीमानजी मैं इस घटना में निर्दोष हूं।
हालांकि न्यायालय का फैसला मान्य है। उम्र को देखते हुए कम से कम सजा सुनाई जाए।’ जब कोर्ट ने उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई, इसके बाद फिर से मुख्तार ने अपनी बात रखी। कहा कि ‘श्रीमानजी उम्रकैद को पूर्व की सजा के साथ समायोजित कर चलाया जाए।’ सुनवाई के दौरान मुख्तार पूरे समय हाथ जोड़े रहा।
कोर्ट ने धारा 302 यानी हत्या में मुख्तार को उम्रकैद तथा एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना राशि न अदा करने पर छह माह अतिरिक्त कैद होगी। इसी घटना में धारा 148 के तहत तीन साल की कैद और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।
अजय राय और विजय पंडित के अलावा पहले विवचेक उदयभान सिंह, दूसरे विवेचक कृपाशंकर शुक्ल का बयान हुआ। उदयभान सिंह ने मारुति वैन का फर्द, खून से सनी मिट्टी, .32 बोर खोखा, 9 एमएम खोखा का फर्द तैयार किया था। नक्शा नजरी तैयार किया था। कृपाशंकर शुक्ल ने आरोप पत्र दाखिल किया था।
अवधेश राय हत्याकांड में वादी अजय राय के पक्ष से कुल छह गवाह कोर्ट में पेश हुए थे। खुद अजय राय, उनके पारिवारिक मित्र विजय कुमार पंडित प्रत्यक्षदर्शी के तौर पर गवाह थे। विजय पंचायतनामा के भी साक्षी रहे।