गर्मी की छुट्टियों में पहाड़ पर जाकर ठंड का लुफ्त उठाने गए हजारों आगरावासी वहां मुसीबतों से घिर गए हैं। आगरा से इस समय 50 हजार से अधिक लोग उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश की सैर पर हैं।
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भारी बारिश और पहाड़ दरकने के चलते बंद पड़े रास्तों में लोग गाड़ियों में ही 8 से 10 घंटे तक फंसे हुए हैं। हिल स्टेशनों पर अत्यधिक भीड़ ने वहां की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त कर दी है। भारी भीड़ का खामियाजा वहां घूमने गए लोग उठा रहे हैं।
जून माह में आगरा से प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक लोग पहाड़ों पर छुट्टियों का आनंद उठाने जाते हैं। इस वर्ष 15 जून के बाद आगरा से 50 हजार से अधिक लोग परिवार संग टैक्सी, प्राइवेट कार अथवा टूरिस्ट बस से हिमाचल, उत्तराखंड, कश्मीर, सिक्किम व अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर गए थे। परंतु बीते एक सप्ताह से पहाड़ों में हो रही भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते हजारों परिवार घंटों गाड़ी अथवा होटल में फंस गए हैं।
मैकलॉडगंज व धर्मशाला की यात्रा पर गए गोपालपुरा निवासी मुकेश अग्रवाल को अपने परिवार के साथ मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्राइवेट टैक्सी को खड़ी करने के लिए वहां किसी भी पार्किंग में जगह नहीं मिली। जहा जगह मिली उसने 100 रुपये के बजाए 400 रुपये मांगे। इस तरह के मामलों से पहाड़ों पर घूमने गए अधिकांश लोगों को जूझना पड़ा। भारी बारिश के चलते न तो घूम पाए और होटल में रात गुजारने के लिए आगरावासियों को 5 से 8 हजार तक प्रतिरात के लिए कमरा लेना पड़ा।
आगरा कैंट निवासी युवाओं का एक दल मनाली घूमने गया था। दल में शामिल आर्यन उपाध्याय व कुनाल उपाध्याय ने बताया कि वापसी में वाल्वो बस से जब दिल्ली लौट रहे थे तो मंडी के पास भारी बारिश से हुए लैंडस्लाइड के चलते 10 घंटे से अधिक समय तक बस में ही फंसे रहे। मनाली से मंडी तक करीब 10 किमी लंबा जाम लगने से आसपास की दुकानों की खानपान सामग्री भी खत्म होने उन्हें भूखे रहना पड़ा। इसी तरह मनाली में आगरा के सैकड़ों परिवार फंसे हुए हैं। यही हाल अन्य हिल स्टेशनों का है।