यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े शहरों की तर्ज पर अब छोटे शहरों में भी निजी क्षेत्र के सहयोग से टाउनशिप योजनाएं लाने जा रही है। दो लाख तक आबादी वाले शहरों में 12.5 एकड़ और इससे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में 25 एकड़ जमीन पर टाउनशिप लाने की अनुमति देने जा रही है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसके साथ ही करीब 25 प्रस्तावों को मंजूरी के लिए रखने की तैयारी है।
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इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में मास्टर प्लान में स्वत: जमीनों का भू-उपयोग बदलने पर नगरीय उपभोग प्रभार शुल्क लेने संबंधी प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
उदाहरण के लिए आवासीय से व्यवसायिक, ग्रीन बेल्ट से आवासीय या व्यवसायिक या संस्थगत से अन्य किसी उपयोग के लिए जमीन का भू-उपयोग बदलने के लिए प्रस्तावित होने पर नगरीय उपयोग प्रभार शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 की धारा-38 को समाप्त करते हुए नया प्रावधान किया जा रहा है।
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राज्य सरकार शहरी लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग से आवासीय योजनाएं लाने के लिए नीति का प्रारूप तैयार किया है। उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इसमें उच्च वर्ग से लेकर गरीबों तक के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। निजी क्षेत्र में आवासीय योजनाएं लाने वालों को और कई सुविधाएं भी दी जाएंगी, जिससे बिल्डरों को मकान बनाने में किसी तरह की कोई असुविधा न होने पाए।