अखिलेश यादव ने आज यहां तैलिक, साहू, राठौर, गुप्ता समाज के संगठन के प्रतिनिधियों से भेंट की। भेंटकर्ताओं में पूर्व विधायक और तैलिक महासंघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राकेश राठौर, विधायक जयकिशन साहू और जगजीवन प्रसाद एमएलसी के नाम उल्लेखनीय है।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Sunday, March 27, 2022
उत्तर प्रदेश। अति पिछड़े और तैलिक समाज के प्रतिनिधियों ने अखिलेश यादव से अपेक्षा की है कि वे सामाजिक न्याय दिलाने के संघर्ष को परिणाम तक पहुंचाएंगे। भाजपा जातीय जनगणना की मांग की उपेक्षा करती आई है क्योंकि वह आबादी के आधार पर सभी को उनका हक और सम्मान नहीं देना चाहती है। समाजवादी पार्टी ही इसके लिए बराबर मांग करती रही है। सबका भरोसा समाजवादी पार्टी पर ही है।
अखिलेश यादव ने आज यहां तैलिक, साहू, राठौर, गुप्ता समाज के संगठन के प्रतिनिधियों से भेंट की। भेंटकर्ताओं में पूर्व विधायक और तैलिक महासंघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राकेश राठौर, विधायक जयकिशन साहू और जगजीवन प्रसाद एमएलसी के नाम उल्लेखनीय है। तैलिक समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनका अखिलेश यादव के नेतृत्व पर विश्वास है। उनकी समस्याओं और परेशानियों का उनके द्वारा ही निराकरण हुआ है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस अवसर पर, अपने सम्बोधन में कहा कि भाजपा सरकार जनता की नहीं है। वह जनविरोधी कार्य करती है। वह छल कपट के रास्ते पर चलने की अभ्यस्त है। भाजपा समाज को बांटने का काम करती है। भाजपा की छल-बल और नफरत की रणनीति से देश और समाज को बचाना है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सत्ता पर एकाधिकार करना चाहती है। उसके कार्यकाल में कुछ हाथों में पूंजी केन्द्रीयकृत हो चुकी है। वह झूठ को ताकत मानती है। भाजपा राज में कालाधन की समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही है। राष्ट्रीय संपत्तियाँ बिक रही हैं। बैंकों में जनधन की लूट हो रही है। आरक्षण समाप्त करने की भाजपा द्वारा साजिश की जा रही है।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के साथ उन पर कब्जा करने का काम कर रही है। संविधान को खतरा है। भाजपा के समय महंगाई बढ़ी है। पेट्रोल-डीजल रसोईगैस के दाम बढ़े हैं। किसान और नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। भाजपा राज में गरीब के सस्ते इलाज की व्यवस्था नहीं है। बेरोजगारी का संकट बढ़ता जा रहा है। सरसों का तेल अडानी बेच रहा है। रिफाइण्ड के नाम पर नकली धंधा पनपाया जा रहा है। सरसों की खेती एवं भारतीय तेल कारोबारियों का धंधा चौपट किया जा रहा है।