भारतीय रेलवे ने अलग-अलग कामों के लिए अलग हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था को खत्म करते हुए इंटीग्रेटेड रेल मदद हेल्पलाइन नंबर 139 जारी करने की तैयारी पूरी कर ली है. इसके बाद 1 अप्रैल से रेलवे सारे हेल्पलाइन नंबर बंद कर देगा और सिर्फ 139 हेल्पलाइन नंबर सारे काम करेगा. रेल मंत्रालय ने एक रेल एक हेल्पलाइन 139 के नाम से एक सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाया है.
भारतीय रेल के तमाम हेल्पलाइन नंबर पहली अप्रैल से बंद कर दिये जाएंगे. उनकी जगह सिंगल हेल्पलाइन नंबर 139 की व्यवस्था कर दी गई है. इसका मतलब यह कि इंडियन रेलवे से सफर के दौरान किसी भी तरह की सहायता, पूछताछ और शिकायत के लिए अलग-अलग नंबर इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होगी. रेलवे के सभी हेल्पलाइन नंबरों को एक साथ मिलाकर एक कर दिया गया है.
इंडियन रेलवे ने पिछले ही साल सभी नंबर बंद करते हुए 139 और 182 हेल्पलाइन नंबर चालू रखा था. अब 182 को भी बंद कर के 139 में ही मिला दिया जाएगा. इससे यात्रियों को हेल्पलाइन नंबर याद रखने में आसानी होगी. हेल्पलाइन नंबर 139 कुल मिलाकर 12 भाषाओं में उपलब्ध होगा. यात्री आईवीआरएस पर विकल्प चुन कर मदद, शिकायत या पूछताछ कर सकते हैं. बता दें कि 139 पर रोजाना औसतन साढ़े तीन लाख फोन या मैसेज आते हैं.
रेलवे अधिकारियों ने इस बारे में बताया है कि यह हेल्पलाइन सुविधा 12 भाषाओं में उपलब्ध होगी. किसी भी तरह की असुविधा होने पर पैसेंजर इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम चुन सकते हैं या फिर स्टार का बटन दबाकर सीधे रेलवे कॉल सेंटर के कर्मचारी से जुड़ सकते हैं. पैसेंजर को किसी स्मार्टफोन की जरूरत नहीं होगी. सामान्य फीचर फोन से भी यात्री 139 पर कॉल कर अपनी समस्या बता सकते हैं और ट्रेन से जुड़ी हर जानकारी पा सकते हैं.