लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि सरकार योजनाओं को ऐसा प्रचारित कर रही है मानो उसने सभी योजना किसानों के हित में बनाई है लेकिन सच्चाई यह है किसानों की सभी योजनाएं धरातल स्तर पर फेल है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और किसानों के नाम से चल रही अन्य योजनाएं या तो अव्यवहारिक है या फिर उनके क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार व्याप्त है। फलस्वरूप उनका कोई लाभ गाँव तक नहीं पहुँच रहा है। किसानों को भारी नुकसान हो रहा है । निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों पर योजनाएं लागू की जा रही है इनके झूठ और छलावे में किसान आने वाला नहीं है क्योंकि वर्ष 2014—2019 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने चुनाव प्रचार के माध्यमों द्वारा किसानों और गरीबों, बेरोजगारों और आम लोगों को सुविधाएं देने का वादा किया था। लोकसभा के सम्पूर्ण कार्यकाल और प्रदेश सरकार के लगभग 3 वर्ष के कार्यकाल में इन्हीं वर्गो का उत्पीडन किया गया। किसानों को लागत मूल्य का डेढ गुना देने का वादा था परन्तु उन्हें अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिला। ऋण माफी के नाम पर दो दो रूपये के चेक देकर उन्हें अपमानित किया गया।
मजदूरों को नोटबंदी के बाद दो जून की रोटी के लिए तरसना पड़ा क्योंकि हजारों कल कारखाने बंद हो गये और मजदूर बेरोजगार हो गये। दो करेाड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा करने वाली सरकार ने दो लाख नौकरियां भी नहीं दी प्रदेश के बेरोजगारों को इन्वेस्टर समिट के माध्यम से बेवकूफ बनाया गया। आम जनता को सम्पूर्ण कार्यकाल में मंहगाई से त्रस्त होकर अपना परिवार चलाना मुष्किल रहा। भाजपा के स्टार प्रचारक आदरणीय नरेन्द्र मोदी अपने भाषणों में कहा करते थे कि पेट्रोल 35 रूपये लीटर चाहिए या 80 रूपये लीटर। जनता 35 रूपये लीटर पाने की आशा में वोट देकर 80 रूपये लीटर की खरीद करती रही। बिजली का बिल सम्पूर्ण प्रदेश में कई बार बढ़ाया गया जिसमें अनमीटर्ड ग्रामवासी और शहरी उपभोक्ता चपेट में आये। प्रदेश सरकार द्वारा विगत महीनों में की गयी बढोत्तरी से टयूबेल से सिचाई करने वाले किसान भी दुगने बिल की चपेट में आ गये।
लोकदल उपरोक्त सभी मुददों की लडाई सडक से संसद तक लड़ रहा है और जब तक सभी वर्गों को संतोषजनक रास्ता नहीं दिखाई पड़ेगा यह लडाई दिनों दिन तीव्र होती जायेगी। अब प्रदेश की जनता लोकदल के सस्थापक किसान मसीहा चै. चरण सिंह की नीतियों से ही अपना उद्वार समझ रही है।