लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि योजना के बहाने देश के किसानों को लुभाने का कुचक्र रचने की कोशिश की जा रही है,जबकि वास्तव में यह योजना किसान अपमान योजना के नाम से जानी जायेगी। किसान परिवार को 17 रूपये प्रतिदिन के लिए देना उनका स्पष्ट अपमान है। क्योंकि कम से कम एक परिवार में 4 प्राणी होना स्वाभाविक है।
किसान गन्ना मिलों की नीतियों से त्रस्त
श्री दुबे ने कहा कि उ0प्र0 का गन्ना किसान गन्ना मिलों की नीतियों और उनकी पर्ची वितरण की कार्यप्रणाली से त्रस्त है। विगत सत्र की अपेक्षा गन्ने की पेराई चीनी मिलों में कम हुयी है और किसान का गन्ना खेतों में खड़ा है। जिससे आगामी फसल के लिए खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं। लगभग 11 करोड रूपया गन्ने का बकाया चीनी मिलों पर हो चुका है। जिसके भुगतान की सम्भावना नजर नहीं आ रही है।
देश के प्रधानमंत्री किसानों की आय दुगुनी करने का सपना दिखाते हुये अब 17 रूपये प्रतिदिन सहायता के रूप में देने का प्रयास कर रहे हैं,जो हास्यास्पद के साथ साथ निंदनीय है।
निधि योजना के नाम पर अपना राजनीतिक स्वार्थ
रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि अच्छा होता कि सरकारें किसानों की सम्पूर्ण फसल खरीदने की योजना प्रारम्भ करती और लागत मूल्य का दुगुना किसानों को मिलता। सरकार ने देश के किसानों को अज्ञानी और लालची समझा रखा है,यही कारण है कि कभी ऋणमाफी के नाम पर तो कभी किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर अपना राजनीतिक स्वार्थ हासिल करना चाहती है।