डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकती है। यही कारण है कि सभी लोगों को रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। विशेषतौर पर गर्मी के दिनों में कम पानी पीने के कारण डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) हो सकता है। इस स्थिति में आपको चक्कर आने, लो ब्लड प्रेशर, बेहोशी के साथ कई और तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा डिहाइड्रेशन की स्थिति आपके हृदय के लिए भी समस्याएं बढ़ाने वाली मानी जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो आपके दिल को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। यानी कि शरीर को हाइड्रेटेड रखकर हृदय स्वास्थ्य को भी ठीक रखा जा सकता है। वहीं हल्का निर्जलीकरण भी आपके रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकता है, उन्हें कम लोचदार बनाता है। ये स्थिति हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली हो सकती है।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए पानी पीते रहना जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हमारे हृदय को ठीक तरीके से काम करते रहने के लिए शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त होना आवश्यक माना जाता है। पानी की कमी होने से ब्लड प्रेशर लो हो सकता है जिसके कारण आपकी हृदय गति असामान्य हो सकती है। हृदय गति के बढ़ने या असामान्य होने की स्थिति सेहत के लिए नुकसानदायक मानी जाती है। हालांकि डॉक्टर्स ने पाया कि पर्याप्त पानी पीने के बाद ये समस्याएं आसानी से ठीक भी होने लगती हैं।
स्वस्थ रहते हैं जोड़
पानी पीते रहना, आपके जोड़ों के कार्य को व्यवस्थित रखने के लिए भी जरूरी है। हड्डियों के कार्टिलेज के लिए पानी पीते रहना जरूरी होता है। कार्टिलेज ही सभी प्रकार के शॉक को अवशोषित कर हड्डियों को होने वाले किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहते हैं उनमें गाउट की समस्या का जोखिम भी कम होता है। पानी, आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है जो जोड़ों में सूजन का कारण बन सकते हैं।
शरीर का तापमान रहता है नियंत्रित
पसीने का उत्पादन करके कोशिकाएं आपके शरीर को ठंडा करती हैं। इसलिए व्यायाम के लिए निकलने से एक घंटे पहले भरपूर मात्रा में पानी पिएं। अपने वर्कआउट के दौरान भी हर 15 मिनट में कुछ घूंट पानी पीते रहें । ऐसा करके आप शरीर से पसीने के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं जिससे शरीर के ताप में संतुलन बना रहता है। पानी कम पीने वाले लोगों को अक्सर व्यायाम के दौरान या बाद में बेहोशी हो सकती है।