उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में फर्जी गजट नोटिफिकेशन के आधार पर अशोकपुरी कोआपरेटिव समिति के नाम से दर्ज श्रेणी आठ की 150.139 हेक्टेयर भूमि पर काबिज समिति के अध्यक्ष ने नोटिस का लिखित जवाब देते समय धमकी दी थी कि उक्त जमीन 70 वर्षों से सदस्यों के अधीन है उस पर प्रश्न चिन्ह न उत्पन्न किया जाये अन्यथा की दशा में जनपद में सोनभद्र जैसी स्थिति बनते देर नहीं लगेगी।
बिधूना शासन के निर्देश पर सहकारी समितियों के नाम दर्ज भूमि पर काबिज भू-माफियाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत गुरुवार को तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रूरूखुर्द में आने वाली अशोकपुरी कोआपरेटिव संस्था के नाम श्रेणी 8 में दर्ज भूमि को निरस्त कर राज्य सरकार में निहित कर दिया गया है, उक्त 150.139 हेक्टेयर संपत्ति का अनुमानित बाजारी मूल्य 119 करोड़ रूपए आंकलित किया गया है।
उपजिलाधिकारी बिधूना राशिद अली द्वारा गुरुवार को अशोकपुरी कोआपरेटिव समिति के नाम फर्जी तरीके से दर्ज कराई गयी अनुमानित बाजारी मूल्यांकन 1,19,33,20,000 रूपए मूल्य की राजस्व अभिलेख में नॉन जेड.ए. खतौती में खाता संख्या 01 की 16 किता/150.139 हेक्टेयर श्रेणी 8 की भूमि को उ.प्र. राजस्व संहिता 2006 की धारा 38(2) के अंतर्गत 23 जुलाई 2020 को मोहकमा अशोकपुरी कोआपरेटिव का नाम श्रेणी 8 से निरस्त कर राज्य सरकार में निहित करने से पूर्व समिति के अध्यक्ष द्वारा 29 मई 2020 को दिए गए नोटिस का जो जवाब सामने आया उसमें दी गयी धमकी से ही स्पष्ट हो रहा था कि बिधूना-अछल्दा मार्ग पर स्थित उक्त बेशकीमती भूमि समिति द्वारा फर्जी तरीके से दर्ज कराई गयी है।
उप जिलाधिकारी बिधूना राशिद अली ने गुरुवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि शासन के निर्देश पर सहकारी समितियों के नाम श्रेणी 8 में दर्ज भूमि पर काबिज भू-माफियाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत गुरुवार को तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रूरूखुर्द में आने वाली वर्तमान राजस्व अभिलेख नान जेड.ए. खतौनी में खाता संख्या 1 की गाटा संख्या 2699/3.662, 2700/7.709, 2701/4.209, 2702/26.405, 2733/5.141, 2734/0.583, 2735/13.719, 2736/9.490, 2737/9.587, 2981/3.497, 2993/3.763, 2994/7.609, 2995/9.692, 3298/36.017, 3299/4.896, 3300/4.160 कुल 16 किता/150.139 हेक्टेयर भूमि श्रेणी 8 के अंतर्गत बिना अधिकार अभिलेख के फर्जी रूप से राज्य सरकार की भूमि पर मोहकमा अशोकपुरी कोआपरेटिव का नाम दर्ज चला आ रहा था, जिसे न्यायालय उपजिलाधिकारी बिधूना द्वारा वाद संख्या टी-202003050201386 के अंर्तगत धारा 38(2) उत्तर प्रदेश राज्य संहिता 2006 में पारित आदेश दिनांक 23 जुलाई 2020 के द्वारा राज्य सरकार की 150.139 हेक्टेयर भूमि में मोहकमा अशोकपुरी कोआपरेटिव का नाम श्रेणी 8 से निरस्त कर राज्य सरकार में निहित कर दी गई है। उपरोक्त राज्य सरकार की सम्पत्ति का अनुमानित बाजारी मूल्यांकन 119 करोड़ रूपए आंकलित है। उपर्युक्त भूमि से मोहकमा अशोकपुरी कोआपरेटिव का निरस्त करके राज्य सरकार की 119 करोड़ रुपए की भूमि भू-माफियाओं से मुक्त करायी गयी है। शासन का महत्त्वपूर्ण योजना एंटी भू-माफिया के अंतर्गत राज्य सरकार की 119 करोड़ की भूमि को सुरक्षित किया गया है।
बताते चलें कि गत वर्ष सोनभद्र जिले में सहकारी समिति के नाम दर्ज भूमि पर काबिज भू-माफियाओं से उसे मुक्त कराने के लिए जब प्रधान एवं अन्य लोग मौके पर गए तो वहां पर हुई हिंसा में 10 आदिवासी मौके पर एवं दो की बाद में मौत हो गई थी। जिसके बाद यह मामला पूरे देश व देश में चर्चा का विषय बन गया था और राजनेता राजनीतिक रोटियां सेंकने लगे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी द्वारा मृतक के परिजनों को 10 बीघा जमीन व आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई थी। जिसके बाद शासन ऐसी भूमि को लेकर सख्त हो गया था और पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर पहले सहकारी समितियों के नाम दर्ज भूमि को चिन्हित किया गया और फिर समितियों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष सुनकर ऐसी भूमि पर राजस्व संहिता 2006 की धारा 38(2) के तहत कार्रवाई को कहा गया।
इसी क्रम में ग्राम रूरूखुर्द स्थित उक्त अशोकपुरी कोआपरेटिव के नाम श्रेणी 8 में दर्ज 16 किता/150.139 हेक्टेयर भूमि पर उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा 38(2) के तहत मुकदमा चलाया गया, साथ ही तहसीलदार बिधूना आख्या मांगी गई और उस पर सहमति जताते हुए उक्त भूमि से श्रेणी 8 निरस्त कर राज्य सरकार में निहित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इसमें कोआपरेटिव सोसायटी को नोटिस भी जारी किया गया था जिसमें सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा दिए गए अभिलेखों निबन्धन पत्र, 18 अप्रैल 1949 का गजट नोटिफिकेशन दिखाया गया जिसके आधार पर गलत तरीके से नॉन जेड.ए. की भूमि को अपने नाम करा लिया था। जांच में गजट फर्जी पाया, उसके बाद श्रेणी 8 को निरस्त कर उस भूमि को राज्य सरकार के नाम दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि अब इस भूमि पर गौशाला बनाना व अटल विद्यालय भी यहां पर बनायेंगे।
समिति अध्यक्ष अरविन्द यादव ने नोटिस का जो जवाब दिया उसमें लिखा था कि अशोकपुरी सहकारी कृषि एवं औद्योगिक समिति लिमिटेड अछल्दा 10 जनवरी 1952 को निबंधन संख्या 983 के द्वारा सहकारी समिति अधिनियम व नियमावली के अंतर्गत रजिस्टर्ड संस्था है। यह समिति 503 एकड़ जमीन पर 70 वर्षो से अपने सदस्यों के साथ अनवरत विधिसम्मत कार्य कर रही है, वर्तमान में समिति के कुल 280 सदस्य हैं, जिनके परिवारों की संख्या प्रति परिवार 05 सदस्य मानने पर लगभग 1400 व्यक्तियों का भरण-पोषण समिति अपने आंचल सम्पत्तियों के माध्यम से कर रही है। उसने लिखा उक्त 503 एकड़ जमीन में 126 एकड़ जमीन ग्वारी मौजा में है, जिस पर राजस्व कर्मियों ने धोखाधड़ी कर उक्त सभी जमीन ग्राम समाज ग्वारी के नाम स्थानांतरित कर दी गई है, जिस पर समिति द्वारा प्रतिवाद दायर कर संघर्ष किया जा रहा है। शेष 377 एकड़ जमीन रूरूखुर्द मौजा में है और इस पर समिति के सदस्य काबिज हैं। उक्त भूमि पर पिछले 60 सालों में समय-समय पर राजस्व विभाग व चकबंदी विभाग एवं शीलिंग आदि के दौरान भी समिति के नाम अंकित भू-भाग पर प्रश्न चिन्ह नहीं उत्पन्न किया गया। नोटिस के क्रम में समिति का निबंधन प्रमाणपत्र, 14 अप्रैल 1949 का गजट नोटिफिकेशन, इंतखाब, लगान आदि की छायाप्रति संलग्न कर इस अनुरोध के साथ प्रेषित है कि समिति की जमीन जो 70 वर्षो से समिति के सदस्यों के अधीन है उस पर प्रश्न चिन्ह न उत्पन्न किया जाये अन्यथा की दशा में जनपद सोनभद्र जैसी स्थिति बनते देर नहीं लगेगी।