गर्भवती को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है। पोटली में गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि था। साथ ही जन्मांध नेत्रबाधित महिला उषा देवी को जिनकी उम्र 60 से ज्यादा है उनको माल्यार्पण करके और बैज लगाकर सम्मानित भी किया ।
- Published by- @MrAnshulGaurav Written by- Shiv Pratap Singh Sengar
- Teusday, 08 Febraury, 2022
औरैया। गर्भ में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य उसकी माता के खानपान औरे पोषण पर निर्भर करता है। पोषण की महत्ता के प्रति जागरूकता के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में, कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए मंगलवार को जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई की रस्म पूरी की गई। इसी क्रम में आगनवाड़ी कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी ने ग्राम औरतों के साथ. आँगनबाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिला को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर मंगल गीत के साथ गोद भराई की। छह माह तक नवजात शिशु को सिर्फ स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया गया।
जागरूकता के बारे में बताते हुए सुमन चतुर्वेदी ने कहा कि जच्चा-बच्चा और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहने की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाना, प्रसव के दौरान होने वाली शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लाना इसका उद्देश्य है। कार्यक्रम के दौरान गर्भवती माता के साथ ही परिजनों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देने की अपील की गयी। बेहतर पोषण से स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है। गर्भवती माताओं को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। उन्हें सवैया भोजन खिलाने, आराम करने, भारी वजन उठाने से रोकने पर भी चर्चा की गयी।
गर्भवती को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है। पोटली में गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि था। साथ ही जन्मांध नेत्रबाधित महिला उषा देवी को जिनकी उम्र 60 से ज्यादा है उनको माल्यार्पण करके और बैज लगाकर सम्मानित भी किया ।आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान सुमन चतुर्वेदी ने कहा कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पीला गाढ़ा दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधिक क्षमता को बढ़ाता है। अगले छह माह तक केवल मां का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। छह माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। तब स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि गर्भवती, किशोरियां व बच्चो में एनीमिया की रोकथाम जरूरी है। गर्भवती को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली जरूर खाना चाहिए। 10 से 19 साल की किशोरियों को भी प्रति सप्ताह आयरन की एक नीली गोली का सेवन करना चाहिए द्य छह माह से पांच साल तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार एक-एक मिलीलीटर आयरन सिरप देना चाहिए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचने लिए 20 सेकंड तक हाथ धोने तथा शारीरिक दूरी के बारे में भी समझाया।कार्यक्रम में नीतू ,नेहा, अलका, सुनीता सहित अन्य सेविका और महिला अभिभावक शामिल थीं।