भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) व नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के बीच डोप टेस्ट को लेकर बरसों से चला आ रहा टकराव समाप्त हो गया है। क्रिकेट बोर्ड (BCCI), अब डोपिंग एजेंसी के नियमों के मुताबिक अपने क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराने को लेकर राजी हो गया है। खेल मंत्रालय ने भी कह दिया है कि बीसीसीआई को अब नाडा (NADA) के तहत सभी क्रिकेटरों का डोप टेस्ट कराना होगा।
बीसीसीआई (BCCI) के एक ऑफिसर ने इसकी पुष्टि करते हुए बोला कि खेल मंत्रालय का यह स्पष्ट बोलना है कि केवल नाडा ही सभी खिलाड़ियों का टेस्ट करेगा। इस ऑफिसर ने कहा, ‘बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी की मंत्रालय से संबंधित लोगों से मुलाकात हुई थी। इसके बाद यह सहमति बनी कि केवल नाडा ही क्रिकेट खिलाड़ियों का टेस्ट करेगा।बीसीसीआई ने यह प्रक्रिया अपने सामने कराने की मांग की, लेकिन खेल मंत्रालय ने बोला कि वह इस मुद्दे को देखेगा व ऐसी प्रक्रिया अपनाएगा, जिससे कि बीसीसीआई भी संतुष्ट हो। ’
गौरतलब है कि बीसीसीआई अपने क्रिकेटरों का नाडा के जरिये टेस्ट कराने से लंबे समय से मना करता आ रहा था। भारतीय बोर्ड का दावा था कि वह एक स्वायत्त संस्था है ना कि राष्ट्रीय खेल संघ। उसे सरकार से कोई फंडिंग भी नहीं मिलती है। हालांकि खेल मंत्रालय इस बात पर अड़ा था कि बीसीसीआई को नाडा के तहत आना ही होगा।
बीसीसीआई का यह निर्णय उस मुद्दे के बाद आया है, जिसमें ओपनर पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को डोपिंग रोधी नियमों के चलते निलंबित कर दिया था। इसके बाद नाडा ने स्पष्ट करते हुए बोला था कि बोर्ड के पास खिलाड़ियों का टेस्ट करने का अधिकार नहीं है।