कर्नाटक के बेंगलुरु विपक्षी दल दूसरे दिन की बैठक के लिए तैयार हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पहले ही साफ कर दिया था कि शरद पवार मंगलवार को यानी दूसरे दिन बैठक का हिस्सा बनेंगे।
अब हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सीनियर पवार ने विपक्षी की एकता पर ही शंका जता दी है। उनका कहना है कि ऐसी कई ‘परेशानियां हैं हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’ खबर है कि करीब 26 दल 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन करने जा रहे हैं।
एक अखबार से बातचीत में जब सवाल किया गया कि क्या विपक्षी एकता असलियत बन सकती है? इसपर पवार ने कहा कि सभी को लगता है कि देश की खातिर सभी विपक्षी पार्टियों को साथ आना होगा, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि विपक्षी एकता आसान नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘हमें एहसास है कि अगर भाजपा को हराना है, तो हमें एकजुट रहना होगा। इसमें कुछ परेशानियां हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।’
मार्च में ही हुए सागरदिघी विधानसभा सीट पर उपचुनाव ने कांग्रेस और टीएमसी में दरार को बढ़ा दिया था। दरअसल, यहां कांग्रेस ने वाम दल के साथ मिलकर ममता बनर्जी के गढ़ और मुस्लिम बहुल क्षेत्र में टीएमसी उम्मीदवार को हरा दिया था। हालिया पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर भी कांग्रेस-टीएमसी आमने-सामने रहे।
पवार ने कहा कि उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस राजनीतिक विरोधी है। केरल में वामपंथी और कांग्रेस विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन मुद्दों को नहीं सुलझाया गया, तो हमें चुनाव के बाद एकता की संभावनाओं के बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अलग-अलग सियासी हालात के लिए तैयार रहना चाहिए।