समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता की मदहोशी में संवैधानिक अधिकारों के दमन पर तुल गई है। मानवाधिकारों से उसे चिढ़ है। जहां एक ओर विशेष सुरक्षाबल 2020 के जरिए उ.प्र. में ठोक दो संस्कृृति के तहत अब जिसे जब चाहे, जहां चाहे उठा लें, ना वारंट, ना बेल, ना सबूत और ना कोई सुनवाई। जिस पर मुख्यमंत्री जी की निगाह टेढ़ी हुई, उसकी शामत आना तय है। भाजपा सरकार ने आज पूर्व सांसद सीएन सिंह के घर शोक संवेदना प्रकट करने जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल तथा उनके साथ अन्य नेताओं को रायबरेली में गिरफ्तार कर अपनी सत्ता की धमक दिखाई है। महोली, सीतापुर में मृृतक कमलेश मिश्रा के घर सांत्वना देने जा रहे विधायक एवं पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय को भी वहां नहीं जाने दिया गया। भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह अमानवीय और संवेदन शून्य हो गई है। किस अधिकार से अब किसी के दुःख में भी वह किसी को शरीक नहीं होने देगी?
प्रतापगढ़ में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पर फर्जी आरोप लगाकर जेल भेजा गया। यह बदले की कार्यवाही है। सरधना नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन के पति एवं पुत्र पर झूठा एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा लगाया गया जबकि सफाई कर्मचारी संघ का कहना है कि मुकदमा फर्जी है। मुख्यमंत्री जी के आदेश पर यह सब हो रहा है। आखिर कब तक वे सुलगते सवालों का जवाब देने से कतरायेंगे? अपनी आंख मूंद लेने से दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता है, मुख्यमंत्री जी।
समाजवादी नेताओं का प्रतापगढ़ जाने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था। प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल बहुखंडी विधायक निवास में रहते है। उनके आवास के बाहर और गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। जब वे बाहर निकलने को हुए पुलिस दल ने उन्हें रोकने की कोशिश की। तभी एमएलसी श्री सुनील यादव साजन भी वहां पहुंच गए। पुलिस ने जब फिर रोकने की कोशिश की तो अपनी गाड़ियां छोड़कर समाजवादी नेताओ ने पैदल ही राजभवन, मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का एलान कर दिया। कार्यकर्ताओं के साथ वे 1090 चैराहे तक पहुंच भी गए। तब तीखे विवाद के बाद पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया। लेकिन बछरावां टोल पर फिर उन्हे रोकने की कोशिश की गई। पुलिस के रोकने के बावजूद वहां से आगे बढ़ गए तो रायबरेली पहुंचने पर पुलिस ने फिर जबरदस्त घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया।
रायबरेली में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता में नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सरकारी दमन और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की जानकारी लेने वे प्रतापगढ़ जा रहे थे। उनके साथ एमएलसी उदयवीर सिंह, सुनील यादव साजन, विधायक एवं पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय, अंबरीष पुष्कर विधायक, पूर्व विधायक रामलाल अकेला तथा श्रीमती आशा किशोर कनौजिया, पूर्व ब्लॉक प्रमुख विवेक पटेल, जय सिहं जयन्त, लखनऊ के जिलाध्यक्ष और रायबरेली के जिलाध्यक्ष इं. वीरेन्द्र यादव भी मौजूद रहे। समाजवादी नेताओ का कहना था उनकी गिरफ्तारी हो या फिर प्रतापगढ़ जाने दिया जाए।
नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार समाजवादियों को जनता के बीच जाने से कब तक रोकेगी और सत्ता संरक्षित अपराध को कहां तक बेलगाम होने देगी। उन्हें साथी विधायकों, पार्टी नेताओं के साथ श्रद्धांजलि देने प्रतापगढ़ जाने से जबरन रोका गया। महोबा में व्यापारी की मौत के आरोपी एसपी, डीएम की भी गिरफ्तारी हो। इसके पूर्व सीतापुर महोली में मृृतक कमलेश मिश्रा के परिवार का दुःख बांटने जा रहे पूर्व मंत्री एवं विधायक मनोज पाण्डेय को भी पुलिस बल ने रोक दिया। यह लोकतंत्र की हत्या है।