केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिरासत के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को घेरे में लेने के लिए सवालों की फेहरिस्त तैयार कर ली है। नई शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आरोप साबित करने के लिए सीबीआई सिसोदिया से समीर महेंद्रू और विजय नायर के बीच कथित दो से चार करोड़ रुपए के नकद लेन-देन पर सवाल पूछ सकती है। आरोप है कि नायर की तरफ से अर्जुन पांडेय ने महेंद्रू से पैसे लिए थे।
सूत्रों के मुताबिक, समीर महेंद्रू द्वारा एक करोड़ रुपए राधा इंडस्ट्रीज में ट्रांसफर करने को लेकर दिनेश अरोड़ा के बयानों के आधार पर सीबीआई सिसोदिया को घेर सकती है। इसके अलावा आरोप है कि मनीष सिसोदिया के कंप्यूटर से कुछ फाइलें डिलीट कर दी गई थीं, इन्हें फॉरेंसिक टीम ने दोबारा हासिल किया है।
सूत्रों ने सिसोदिया की ओर से शराब नीति को अनुचित तरीके से प्रभावित करने से संबंधित अहम सबूत मिलने का दावा किया है। इनमे वह व्हाट्सएप चैट भी हैं, जो बाहरी फाइल के जरिए कंप्यूटर में आए थे। इनसे शराब नीति में बदलाव को लेकर अहम सूत्र मिलने का दावा किया जा रहा है। सिसोदिया जिन सवालों का जवाब नहीं दे रहे थे या टालमटोल कर रहे थे, एक बार फिर से वे सवाल उनसे पूछे जाएंगे।
सनद रहे कि सीबीआई ने इस मामले में 15 लोगों को आरोपी बनाया है, इनमे मनीष सिसोदिया का नाम सबसे ऊपर है। इस कथित घोटाले में कुछ लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। सिसोदिया से पहले जिन लोगों से पूछताछ की गई है, उनके बयान भी सिसोदिया के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने कई सबूत नष्ट कर दिए। इन पर भी उनकी मंशा को लेकर सवाल-जवाब होंगे।
गत 26 फरवरी को सीबीआई ने सिसोदिया से कई सवाल पूछे थे। इसमें से एक सवाल यह भी था कि बिजनसमैन अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे से उनके क्या संबंध हैं? इनके बीच लेन-देन की कड़ी को सीबीआई जोड़ने का प्रयास कर रही है। अमित अरोड़ा गुरुग्राम की एक रिटेल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक हैं।
जिन अहम किरदारों की वजह से सिसोदिया की मुश्किल बढ़ी हैं, उनमें आम आदमी पार्टी से जुड़े रहे एंटरटेनमेंट इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ‘ओनली मच लाउडर’ के सीईओ रहे विजय नायर का नाम भी है। उनके नाम पर अन्य आरोपियों के बीच लेन-देन का आरोप है। नायर को सीबीआई ने सितंबर, 2022 में गिरफ्तार किया था। वह कैंपेन से लेकर नीति बनाने में पार्टी को सलाह देते थे। शराब ठेके के लाइसेंस आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में विजय नायर का किरदार काफी महत्वपूर्ण बताया गया है।