लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस को उपवास के रूप में मनाएंगे। और इस अवसर पर पार्टी के सभी जिला कार्यालयों पर उपवास का कार्यक्रम आयोजित कर चौधरी चरण सिंह के योगदान पर चर्चा के साथ उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया जाएगा।
देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों एवं खलिहानों से होकर गुजरता है। चौधरी चरण सिंह ऐसा कहते थे. उनका कहना था कि भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है। चाहे कोई भी लीडर आ जाए, चाहे कितना ही अच्छा कार्यक्रम चलाओ, जिस देश के लोग भ्रष्ट होंगे वह देश कभी तरक्की नहीं कर सकता।
गांव की एक ढाणी में जन्मे चौधरी चरण सिंह गांव, गरीब व किसानों के तारणहार बने। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन गांव के गरीबों के लिए समर्पित कर दिया। इसीलिए देश के लोग मानते रहे हैं कि चौधरी चरण सिंह एक व्यक्ति नहीं, विचारधारा का नाम है। चौधरी चरण सिंह गांधीवादी विचारक नेता थे। उनकी प्राथमिकता में गांव-गरीब थे।
केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बजट का 75 प्रतिशत हिस्सा गांव-खेती पर खर्च करने के लिए रखा था। प्रदेश में उन्होंने जमींदारी उन्मूलन विधेयक लाकर किसानों को भूमिधर बनाया था। उन्होंने कहा कि आज देश का किसान आंदोलित है। भाजपा सरकार की नीतियां गांव, खेती की उपेक्षा कर कार्पोरेट की समर्थक हैं।
किसान को अपनी खेती से मालिकाना हक छिन जाने का डर है। अब तक उसे झूठे वादों से भ्रमित किया जाता रहा है। फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने,2022 तक आय दुगनी करने का वादा करके उसे भुला देना भाजपा का दुहरा चरित्र है। चौधरी साहब किसानों के साथ धोखाधड़ी को अक्षम्य अपराध मानते थे।