- Published by- @MrAnshulGaurav, Monday, 28 Febraury, 2022
भारत सरकार भारतीयों को वापिस लाने की कोशिश कर तो रही है मगर, जंग के साए में Ukraine में फंसे बच्चों की भूख और डर से हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है. अपने बच्चों की चिंता में सुख-चैन हारे बैठे माता-पिता से हुई बच्चों की बातचीत से पता चला है कि अभी तक भारत सरकार का कोई नुमाइंदा वहाँ नहीं पहुँचा है.
खारकीव में फंसे धार के मृत्युंजय, नहीं पहुँचा सरकार का कोई नुमाइंदा
धार जिले के नर्मदा नगर के रहने वाले मृत्युंजय मुकाती 19 साल के हैं। इसी महीने यूक्रेन के खारकीव गये थे. माता-पिता बता रहे हैं कि मृत्युजंय डरा हुआ है. फोन पर भी कम बात कर रहा है. मां-बाप की अपील है कि बेटे को फौरन देश वापस लाया जाए. मत्युंजय की माँ जमुना मुकाती ने कहा कि मेरा बेटा हॉस्टल में है और मेस वाले खाना नहीं दे रहे हैं. पिता शंकरलाल मुकाती ने कहा कि बच्चे भूखे मर रहे हैं. सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुँचा है.
नुसरत की चिंता में माँ की शुगर 400 पर, बेटी ने बोला- “मम्मी मैं सेफ हूं, शुगर मत बढ़ाओ”
रीवा की नुसरत के पिता सील-मोहर बनाते हैं और माँ घर पर ही दूसरों के कपड़े सिलती हैं. किसी तरह बेटी नुसरत को यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई के लिये भेजा था. अब वापस बुलाने के लिये संघर्षरत हैं. नुसरत के पिता मोहम्मद शकील ने बताया, “4 दिन से बेटी बंकर के अंदर है. खाने-पीने की दिक्कत है. वहां के हालात बहुत खराब हैं. फोन पर बात होती है.” वहीं, मां शकीला ने कहा, “400 शुगर हो गई है. एक ही बेटी है. फोन भी नहीं लग पाता कायदे से. बेटी ने बोला है कि मम्मी मैं सेफ हूं, चिंता मत करो… शुगर मत बढ़ाओ.”
“बेटा बोल रहा है कि 200 किमी में बम गिरा है. खतरा महसूस हो रहा है.”
अनूपपुर जिले के कोतमा के हिमांशु सर्राफ ने 2020 में बारहवीं पास की. 2 साल से घर पर थे. पिता ने 8 लाख रुपये की जमा पूंजी खर्च कर बेटे को मेडिकल पढ़ने यूक्रेन भेजा. अब चाहते हैं बेटा सकुशल घर आ जाए. हिमांशु के पिता लालाराम सर्राफ ने बताया, “माहौल खराब है. बेटा बोल रहा है कि 200 किमी में बम गिरा है. खतरा महसूस हो रहा है. बंकर में जाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.”
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल और रायसेन की यूक्रेन के खारकीव में फंसी शशि शर्मा और शिवानी सिंह से सोमवार को वीडियो कॉल से बात की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार बच्चों के संपर्क में हैं. राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा, “हम प्रदेश के गृह विभाग के मार्फत विदेश विभाग से संपर्क कर बच्चों की मदद करने का प्रयास कर रहे हैं.” मध्यप्रदेश के 122 छात्रों के संबंध में सरकार को सूचना मिली है, जिसमें अबतक 26 बच्चे देश लौट चुके हैं.