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यूक्रेन शांति वार्ता में बाधक बन रहा चीन, जेलेंस्की बोले- अन्य देशों पर भी बना रहा दबाव

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने चीन पर यूक्रेन शांति वार्ता में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चीन अन्य देशों पर इस वार्ता में शामिल न होने का दबाव बना रहा है। यूक्रेन शांति सम्मेलन का आयोजन स्विट्जरलैंड की तरफ से प्रस्तावित है।

सिंगापुर में शांगरी-ला रक्षा मंच पर रविवार को जेलेंस्की ने कहा, क्षेत्र में चीनी प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए रूस शांति शिखर सम्मेलन को बाधित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन जैसा शक्तिशाली देश पुतिन के हाथों की कठपुतली बना हुआ है। इससे पहले एशिया के सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों से आगामी शिखर सम्मेलन में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में शामिल होने के लिए अबतक 106 देश व संगठन सहमति जता चुके हैं, लेकिन वह कुछ देशों की तरफ से इसमें शामिल होने के लिए प्रतिबद्धता जताने में विफल रहने से निराश हैं। जेलेंस्की ने कहा, हम विभिन्न प्रस्तावों व विचारों को सुनने के लिए तैयार हैं, ताकि युद्ध की समाप्ति हो सके।

सम्मेलन में चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून ने कहा कि उनका देश युद्ध के मसले पर रूस या यूक्रेन में से किसी का समर्थन नहीं करता। डोंग ने कहा, हमने किसी भी पक्ष को कोई हथियार नहीं दिया। दोहरे इस्तेमाल वाली सामग्री के निर्यात पर हम सख्त हैं। रूस संग उसका व्यापार बढ़ा है, जिससे पश्चिमी प्रतिबंधों का आर्थिक प्रभाव घटा है।

चीन के तटस्थ होने का दावा, लेकिन रूस से बढ़ा व्यापार
सम्मेलन में चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून ने कहा कि उनका देश युद्ध के मसले पर रूस या यूक्रेन में से किसी का समर्थन नहीं करता। डोंग ने कहा, हमने किसी भी पक्ष को कोई हथियार नहीं दिया। दोहरे इस्तेमाल वाली सामग्री के निर्यात पर हम सख्त हैं। रूस संग उसका व्यापार बढ़ा है, जिससे पश्चिमी प्रतिबंधों का आर्थिक प्रभाव घटा है।

नाटो का एशिया-प्रशांत संस्करण बनाने का प्रयास कर रहा अमेरिका : चीन
चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के ज्वाइंट स्टाफ विभाग के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जिंग जियानफेंग ने आरोप लगाया कि अमेरिका नाटो का एशिया-प्रशांत संस्करण बनाने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, अमेरिका का स्वार्थी भूराजनीतिक हित कामयाब नहीं होगा। लेफ्टिनेंट जनरल जियनफेंग ने रविवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के उस भाषण पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने क्षेत्र में गठबंधन व साझेदारी को मजबूत करने की बात कही थी।

उन्होंने चेताया कि अगर क्षेत्र के देश अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का हिस्सा बनते हैं, तो वे अमेरिकी युद्ध का हिस्सा बन जाएंगे और उसके लिए गोलियां खाने को मजबूर हो जाएंगे। चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून ने अमेरिका पर ताइवान व फिलीपीन को समर्थन करके क्षेत्र में गुट बनाने का आरोप लगाया। बता दें कि चीन, ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता है, जबकि ताइपे खुद को स्वतंत्र देश मानता है। दक्षिण चीन सागर पर दावे को लेकर बीजिंग का फिलीपीन से तनाव चल रहा है।

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