चीन के तीसरे सबसे बड़े अरबपति और दुनिया में लाखों लोगों के आदर्श रहे अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा पिछले दो महीने से लापता हैं. जैक मा कहां पर है, इसको लेकर चीन सरकार ने चुप्पी साध रखी है जबकि दुनियाभर में अटकलों का बाजार गरम है.
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट सरकार जैक मा को उपभोक्ताओं के डेटा लेना चाहती थी जो अलीबाबा के संस्थापक के लिए दौलत की तरह से बेशकीमती है.
उपभोक्ताओं के डेटा के लिए चीन सरकार जैक मा को बाध्य कर रही थी जिसका वह लंबे समय से विरोध कर रहे थे. दरअसल, चीन के वित्तीय नियामक चाहते थे कि जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप अपने करोड़ों ग्राहकों का कंज्यूमर क्रेडिट डेटा उसे सौंप दे.
चीनी रेगुलेटर्स के इस दबाव और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विवाद के बाद जैक मा के पास बहुत कम ऑप्शन बचे थे. रिपोर्ट में चीनी अधिकारियों के हवाल से कहा गया है कि चीन की सरकार को इस बात की चिंता थी कि जैक मा अपने बिजनस को लगातार बढ़ाना चाहते हैं लेकिन उनका ध्यान वित्तीय खतरे को नियंत्रित करने की ओर कम था जो कि देश का लक्ष्य है.