नई दिल्ली: केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) अपने जवानों को बेहतर ट्रेनिंग और रिसर्च से जोड़ने पर विशेष फोकस कर रहा है। इस कड़ी में अब सीआईएसएफ ने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया है। इसके तहत केंद्रीय बल सीआईएसएफ, अपने सदस्यों के लिए प्रशिक्षण, अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देगा। दोनों संस्थान संयुक्त रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का डिजाइन और संचालन भी करेंगे।
सीआईएसएफ के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत एक प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय और सीआईएसएफ के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना, यह सुरक्षा प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस साझेदारी का उद्देश्य सीआईएसएफ के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण, अनुसंधान, नवाचार और क्षमता निर्माण में बढ़ोतरी करना है।
बुधवार को सीआईएसएफ मुख्यालय, नई दिल्ली में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। समझौता ज्ञापन पर औपचारिक रूप से प्रोफेसर डॉ. बिमल एन. पटेल, कुलपति, आरआरयू और दिनेश प्रताप परिहार, महानिरीक्षक (प्रशिक्षण), सीआईएसएफ बल मुख्यालय, ने हस्ताक्षर किए हैं। समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के अनुसार, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करेगा।
1. रणनीतिक साझेदारी:
सीआईएसएफ और आरआरयू ने सुरक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण और शैक्षणिक विकास के क्षेत्रों में एक साथ काम करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी में हाथ मिलाया है।
2. फोकस क्षेत्र:
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सीआईएसएफ बल सदस्यों के लाभ के लिए अकादमिक अनुसंधान, क्षमता निर्माण, नवाचार और प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है।
3. संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम:
दोनों संस्थान संयुक्त रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का डिजाइन और संचालन करेंगे। इनमें लघु और दीर्घावधिक सर्टिफिकेट कोर्स, सेमिनार और वर्कशॉप शामिल होंगे।
4. अनुसंधान और नवाचार:
सीआईएसएफ और आरआरयू व्यावहारिक सुरक्षा चुनौतियों पर आधारित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं पर काम करेंगे। सुरक्षा डोमेन के लिए नए समाधान विकसित करने के लिए नवाचार और इनक्यूबेशन परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
5. आईगॉट के माध्यम से क्षमता निर्माण:
एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच का उपयोग करके सीआईएसएफ बल सदस्यों के लिए अनुकूलित प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाए जाएंगे।