मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में बेरोजगारों के आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले ऐसे युवा जिन पर प्रदर्शन को लेकर मुकदमे दर्ज हुए हैं, उन्हें सरकार वापस लेगी। गुरुवार को बजट प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सीएम ने ये घोषणा की।
सदन में रात करीब आठ बजे बजट प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस दौरान जहां मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के अहम फैसले गिनाए वहीं इशारों-इशारों में पूर्व में बरती गई लापरवाहियों पर भी निशाना साधा। अपना संबोधन शुरू करते हुए सीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व व उत्तराखंड के प्रति उनके लगाव का जिक्र किया। नकल विरोधी कानून पर सीएम ने कहा कि पेपर लीक मामले में विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है जबकि मैंने सख्ती बरती और 60 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा।
पहले से चल रहे कामों को भी ठीक किया। देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया। विपक्ष को नसीहत देते हुए सीएम ने कहा कि युवाओं के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह युवाओं के भविष्य से जुड़ा विषय है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद आयोजित किसी भी परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को भी मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 12 जनवरी 2022 को समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया गया था। इसका ड्राफ्ट जुलाई तक तैयार कर लिया जाएगा। समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा।
बताओ आर्य जी, पहले किसी ने माफिया के गिरेबां में झांका? विपक्ष पर चुटकी लेते सीएम ने कहा कि लोग कहते हैं कि पेपर लीक हो रहे हैं। महंगाई बढ़ रही है और सरकार की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है। पर सबकुछ एकाएक ठीक नहीं हो जाता। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बताइये यशपाल जी, नकल माफिया के गिरेबां में किसी ने झांका? किसने जेल में डाला? पहले भी हो सकता था, पर इच्छाशक्ति की कमी थी। सीएम ने कहा-‘जिन तूफानों में आशियाने उड़ जाते हैं, उनमें हम अपने दिए जला आते हैं’।