लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन रोड कैम्पस के मेधावी छात्र मृत्युंजय शर्मा को ‘गूगल समर ऑफ कोड 2020 प्रोजक्ट’ में प्रतिभाग हेतु चयनित किया गया है। यह प्रोजेक्ट कैलिफोर्निया,अमेरिका स्थित गूगल के वाणिज्यिक मुख्यालय माउन्टेन व्यू से संचालित है। सीएमएस छात्र की यह अभूतपूर्व उपलब्धि पूरे सीएमएस परिवार के लिए गर्व का विषय है।
इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सीएमएस छात्र मृत्युंजय 1 जून 2020 से लेकर 24 अगस्त 2020 तक स्टूडेन्ट डेवलपर के रूप में प्रति सप्ताह 30 घंटो से अधिक समय तक आर.टी.ई.एम.एस. (रियल टाइम एक्जीक्यूटिव फाॅर मल्टीप्रोसेसर सिस्टम) पर कार्य करेंगे एवं प्रोजेक्ट हेतु एक ‘ओपेन सोर्स साॅफ्टवेयर’ विकसित करेंगे। आर.टी.ई.एम.एस. का उपयोग कई एप्लिकेशन डोमेन में किया जाता है, जिसमें एक्सपेरीमेंटल फिजिक्स एवं इण्डस्ट्रियल कन्ट्रोल सिस्टम आदि प्रमुख हैं। इस प्रोजेक्ट में विश्व भर से कई मेधावी छात्र आर.टी.ई.एम.एस. प्रस्तुतकर्ता के रूप में जुड़े हुए हैं।
आर.टी.ई.एम.एस. अन्तरिक्ष उपयोग के लिए भी बेहद लोकप्रिय है क्योंकि यह अंतरिक्ष में उपयोग के लिए विकसित कई माइक्रोप्रोसेसरों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और नासा के मार्स रिकनेन्सेस आर्बिटर एवं यूरोपियन स्पेस एजेन्सी के ट्रेस गैस आर्बिटर में इसका उपयोग किया गया है। सीएमएस के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि जब विज्ञान का उपयोग सामाजिक आवश्यकताओं एवं वैश्विक चुनौतियों से निपटने में किया जायेगा तो निश्चित रूप से मानवता का कल्याण होगा और इन्ही वजहो से सीएमएस का दृढ़ विश्वास है कि विज्ञान का ज्ञान प्रत्येक छात्र के लिए बहुत उपयोगी है।
सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी सदैव ही समाजोपयोगी शिक्षा पर जोर देते हैं, जिससे कि विज्ञान के ज्ञान का उपयोग नई-नई चीजें सीखने, शिक्षा पद्धति में सुधार करने एवं जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में किया जा सके और इससे सम्पूर्ण समाज लाभान्वित होगा। विदित हो कि लाॅकडाउन के इस दौर में सीएमएस ने आधुनिक तकनीकों एवं शैक्षिक प्लेटफार्म की मदद से ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई को बहुत ही प्रभावी एवं सृजनात्मक तरीके से क्लासरूम से निकालकर उनके घरों तक पहुंचा दिया है।