- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, May 27, 2022
एक राज्य ने जिस तरह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार जिस रणनीतिक रोडमैप और उसके शुक्राना कोडवर्ड से कर भ्रष्टाचार का भांडा फोड़ किया वह काबिले तारीफ है, दूसरी ओर एक राज्य के बहुत बड़े आईएएस अधिकारी पर कार्यवाही हुई है, जिसकी प्रेरणा अब हर राज्य सरकार को लेकर सबसे पहले कट्टर ईमानदार सिस्टम कायम करने के लिए पहले भ्रष्टाचारियों की सफाई करना जरूरी है इसके लिए अंदर के भ्रष्टाचार रूपी दीमक की सफ़ाई करने गुप्त विज़न चलाना चाहिए।
बड़ी मछलियों को पहले सबक सिखाना चाहिए ताकि, सिस्टम में शीघ्र से शीघ्र कट्टर इमानदार सिस्टम कायम हो सके और 100 प्रतिशत आवंटित रकम उसी उद्देश्य में खर्च हो तो भारत को सोने की चिड़िया बनने और बड़े बुजुर्गों के सतयुग रुपी स्वप्ना को हम अति शीघ्र पूरा करेंगे।
बात अगर हम कट्टर ईमानदार सिस्टम कायम करने की करें तो जिस तरह हम अपने और अपनी आने वाली अगली पीढ़ियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर नए विज़न पर काम कर रहे हैं, जिसमें विज़न 2047, विजन 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था, विज़न सागरमाला भारतमाला सहित इत्यादि अनेक परियोजनाएं शामिल है इसके लिए हम सबसे पहले कट्टर इमानदार सिस्टम और भ्रष्टाचार की सफाई इन दो अभियानों पर तात्कालिक रोडमैप बनाकर कार्रवाई करना होगा। हालांकि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारों की जंग जारी है परंतु अब समय आ गया है कार्यवाही शीर्ष स्तर से जारी कर चपरासी पद स्तर तक तीव्रता से रणनीतिक रोडमैप बनाकर की जाए सारे संलग्न व्यक्तियों की संपत्तियां, रहन सहन, विदेश और लोकल यात्राएं, पड़ोसियों से उनकी जानकारी, उनका नौकरी के बाद और नौकरी के पहले का इतिहास इत्यादि अनेक एक्टिविटीज के बारे में जानकारी एकत्रित कर दोषियों को उनके असली जगह पर पहुंचाना तात्कालिक जरूरी है।
हम जब तक इस तरह का की कार्रवाई एक विज़न कट्टर इमानदारी, भ्रष्टाचारी देशद्रोही, बनाकर रणनीतिक रोड मैप से कार्रवाई नहीं करेंगे तब तक हमारे प्रस्तावित या एक्टिवेट विज़नों को पूर्ण करने में कठिनाइयों का सामना पड़ सकता है जिसके कारण वो ही भ्रष्टाचार रूपी असुर दानव होंगे। बात अगर हम हाई लेवल पर भ्रष्टाचार की करें तो मेरा मानना है कि एक, दो, पांच, दस, प्रतिशत कमीशन जिस तरह कथित शुक्राना, मेहर, मेहरबानी इत्यादि आज के कोडवर्ड से जाना जाता है जो किसी न किसी माध्यम के द्वारा संपन्न होते हैं उस कड़ी को तोड़ना होगा और वह भी कट्टर ईमानदारी से तोड़ना होगा जिसका जीता जागता उदाहरण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक राज्य के बहुत बड़े मंत्री को भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
बात अगर हम दिनांक 24 मई 2022 को एक राज्य में एक नई पार्टी की पहली बार बनी सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री को बर्खास्त कर उसके ऊपर कार्रवाई की गई है जो काबिले तारीफ है। हालांकि उस राज्य के सीएम साहब चाहते तो मामला दब सकता था मेरा ऐसा मानना है इसकी प्रेरणा हर राज्य सरकार को लेकर तात्कालिक इस मिशन को अपने-अपने राज्यों में शुरू करने की खास जरूरत है।जिससे भ्रष्टाचार रूपी दीमक को शीघ्र समाप्त किया जा सकता है।
साथियों बात अगर हम इस केस में तारीफ ए काबिल कार्यवाही की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और टीवी चैनलों में आई जानकारी के अनुसार उस राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा है, स्वास्थय मंत्री ने ठेके देते हुए एक परसेंट कमीशन की मांग रखी थी। सीएम ने एक वीडियो शेयर करके कहा- हम एक पैसे के भ्रष्टाचार को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से निकली है। मुझे अपने मंत्रिमंडल के एक मंत्री के खिलाफ मामले के बारे में पता चला जो अधिकारियों से निविदाओं में एक प्रतिशत कमीशन ले रहा है। मैं उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर रहा हूं और मामले में पुलिस जांच की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने यह फैसला, मंत्री द्वारा अपने विभाग की निविदाओं और खरीद में कथित रूप से एक प्रतिशत कमीशन की मांग किए जाने की जानकारी मिलने के बाद किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है, और संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि राज्य में भ्रष्ट आचरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके पूर्ववर्ती भ्रष्टाचारियों को बचा रहे थे और फिर कह रहे थे कि वे अपने मंत्रियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार के बारे में जानते थे। हालांकि, सीएम ने कहा कि हमारे राज्य में अब इस तरह की प्रथाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और अब कानून अपना काम करेगा।
उन्होंने कहा कि मंत्री भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त हैं और उनके पास इसका सबूत है। राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मंत्री को उनके नेतृत्व वाले विभाग में एक प्रतिशत कमीशन की मांग करने के लिए बर्खास्त कर दिया गया है। मेरी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की है और किसी को भी, चाहे वह कितना भी संपन्न हो, इस तरह के कदाचार को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि चूंकि मामला केवल उनकी जानकारी में था, इसलिए वह इसे आसानी से दबा सकते थे या इसे नजरअंदाज कर सकते थे।हालांकि सीएम ने कहा कि खटकर कलां की पवित्र धरती पर शपथ लेने के बाद उन्होंने राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का संकल्प लिया था और यह इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली के लिए चुना है और वह हर राज्य की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बाध्य हैं।उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल बाद राज्य में ऐसी को,ई समानता नहीं है।
पहली बार विधायक बने 52 वर्षीय मंत्री, (पेशे से दंत चिकित्सक) मनसा से जीते। उन्होंने लोकप्रिय पंजाबी गायक और कांग्रेस उम्मीदवार शुभदीप सिंह, (जिन्हें सिद्धू मूसेवाला भी कहा जाता है) को 63,323 मतों के अंतर से हराया, जो चुनाव में सबसे अधिक जीत का अंतर है। मंत्री ने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की थी। नामांकन दाखिल करते समय उनके द्वारा प्रस्तुत हलफनामे के अनुसार उनके पास 6.48 करोड़ रुपये की संपत्ति और 27 लाख रुपये देनदारी के रूप में हैं। उनकी पत्नी आयुर्वेद चिकित्सक हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भ्रष्टाचार में शुक्राना जैसे कोडवार्डों का उपयोग किया जा रहा है!कट्टर ईमानदार सिस्टम कायम करने भ्रष्टाचार की सफाई अभियान हर सरकारों को चलाना ज़रूरी है। शासन प्रशासन से जुड़े व्यक्तियों की भ्रष्टाचार में लिप्तता को रोजगार करने हर सरकार को सटीक रणनीति से अग्नि परीक्षा लेना समय की मांग हैl