हेग (नीदरलैंड): गृह हिंसा की आग में जल रहा सूडान अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पर भड़क गया है। सूडान को लगता है कि यूएई उसके विपक्षी को हथियार देकर गृहयुद्ध की आग को भड़का रहा है। सूडान ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ‘इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस’ (आईसीजे) से भी इस बारे में शिकायत की। सूडान ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) विद्रोही अर्धसैनिक समूह ‘‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’’ को हथियार और धन मुहैया कराकर नरसंहार से संबंधित संधि का उल्लंघन कर रहा है।
सूडान की शिकायत के बाद यूएई ने भी इस मामले में जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा है। पूर्वोत्तर अफ्रीकी देश सूडान आईसीजे से आपातकालीन आदेश जारी करने का अनुरोध कर रहा है। इस अनुरोध को अनंतिम उपाय के रूप में जाना जाता है, जिसमें यूएई को सूडान के दो साल के गृहयुद्ध के दौरान मसालित लोगों को निशाना बनाकर की गई हत्या और अन्य अपराधों को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए कहना भी शामिल है।
सूडान और यूएई में कब हुई थी संधि
सूडान और यूएई में संधि करीब 76 साल पहले हुई थी। कार्यवाहक न्याय मंत्री मुआविया उस्मान ने यहां आईसीजे में अपनी शुरुआती दलील में कहा, मसालित के खिलाफ नरसंहार ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ द्वारा किया जा रहा है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह दारफुर के अरबी नागरिक हैं, और इसमें यूएई का समर्थन और मिलीभगत है।’’ सुनवाई से पहले एक ब्रीफिंग में यूएई के विदेश मंत्रालय की एक शीर्ष अधिकारी रीम केटेट ने पत्रकारों से कहा कि मामला निराधार है। केटेट ने कहा, “यह कोई वैध कानूनी कार्रवाई नहीं है; यह एक निंदनीय और निराधार पीआर स्टंट है, जिसे सूडानी सशस्त्र बलों के अत्याचारों के अपने भयावह रिकॉर्ड से ध्यान हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।” सूडान और यूएई दोनों ही 1948 के नरसंहार संधि के हस्ताक्षरकर्ता हैं।