गृह मंत्रालय ने कांग्रेस और गांधी परिवार के तीन ट्रस्टों – राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट पर लगे आरोपों के बाद पीएमएलए, आयकर अधिनियम और एफसीआरए के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया है.
मंत्रालय के इस फैसले के बाद कई कांग्रेस नेताओं की मुश्किल बढ़ सकती है. हाल में कांग्रेस पार्टी से जुड़े कई वरिष्ठ नेताओं और चीन से जुड़े फंडिंग कनेक्शन पर काफी चर्चा हुई थी. यह जांच PMLA, FCRA, इनकम टैक्स को लेकर होगी. बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय के स्पेशल डायरेक्टर स्तर के अधिकारी जांच कमेटी के प्रमुख होंगे.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीते दिनों एक वर्चुअल रैली में भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था, मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास और चीन की ओर से 3 लाख डॉलर चंदे के रूप में मिले थे. यह कांग्रेस और चीन के बीच गुप्त रिश्ता है.
नड्डा ने कहा था, 2017 में डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ गुपचुप मुलाकात करते हैं और उनकी पार्टी ने देश को गुमराह किया. इस समय गलवान घाटी विवाद के बाद भी कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है. गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से इस फाउंडेशन की शुरुआत 21 जून 1991 को की गई थी. राजीव गांधी फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार 1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम किया.
बताया जाता है कि साल 2010 में राजीव गांधी फाउंडेशन ने शिक्षा क्षेत्र पर विशेष काम करने का फैसला किया. फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पी. चिदंबरम, प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन, डॉक्टर अशोक गांगुली, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे, राहुल गांधी, डॉ. शेखर राहा, संजीव गोयनका और प्रियंका गांधी वाड्रा फाउंडेशन के सदस्य हैं.