केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनके ‘भड़काऊ बयानों’ से जुड़े एक मामले में अलीबाग कोर्ट ने बरी कर दिया।
कोर्ट ने इस मामले में दाखिल उनके जमानती मुचलके भी रद्द कर दिए हैं। राणे ने एक कार्यक्रम में उद्धव के लिए कहा था कि अगर मैं तो एक जोरदार थप्पड़ मार देता। इस मामले में शिवसेना नेताओं ने उनके खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज करवाई थी।
राणे के इस बयान पर शिवसेना नेताओं ने काफी रोष प्रकट किया। राणे की टिप्पणी की कड़ी निंदा की। पार्टी नेता विनायक राउत ने उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने तक की मांग कर डाली।
इसके बाद शिवसेना नेताओं द्वारा दायर की गई शिकायतों के आधार पर नासिक और पुणे सहित कई जगहों पर राणे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। राणे के खिलाफ 2021 में चतुरश्रृंगी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मामला 2021 को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की मौजूदगी में हुए एक कार्यक्रम से जुड़ा है। कार्यक्रम में बोलते हुए राणे ने उद्धव ठाकरे पर भारत की आजादी के वर्ष के बारे में अज्ञानता का आरोप लगाया था और कहा था कि “मैं होता तो एक जोरदार थप्पड़ दे देता।”