वाराणसी। कांग्रेस के अजय राय देश की सबसे हॉट लोकसभा सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के सामने दो बार से चुनाव लड़ रहे और हार रहे हैं। वो खुद को काशी का बेटा और मोदी को प्रवासीजी कहते हैं।
भाजपा के लिए देश की सबसे आसान सीट पर वो हर बार जीत का दावा करते हैं, इस बार भी कर रहे हैं। प्रियंका गांधी से लेकर, डिम्पल यादव और राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक उनके लिए प्रचार करने आ चुके हैं। अजय राय क्यों काशी से चुनाव लड़ते हैं, उसी गुणा-गणित पर उपमिता वाजपेयी की उनसे खास बातचीत हुई। पेश हैं प्रमुख अंश…
आप काशी के बेटे हैं और पीएम कहते हैं उन्हें मां गंगा ने गोद लिया है, आप क्या मानते हैं?
काशी में मां गंगा की गोद में मेरा जन्म हुआ। यहां खेले पढ़े बड़े हुए हैं। यहीं से मां गंगा की गोद में राजनीति का ककहरा भी सीखा। पूरी तरह से समर्पित हूं। दिखावटी पुत्र नहीं हूं।
पीएम कहते हैं गंगा मैया ने उन्हें गोद लिया, लेकिन गंगा मैया की हालत देख लीजिए। मां गंगा के अंदर आज भी नाले गिर रहे हैं। दो दिन पहले वहां एक गौ माता का शव तैर रहा था। अगर आप मां कहते हैं, तो मां के साथ भी न्याय नहीं कर पा रहे हैं। मैं समझता हूं कि मां गंगा भी आपको माफ नहीं करेगी।
पूर्वांचल की सीटों में कांग्रेस के हिस्से गठबंधन में सिर्फ काशी आया है, उस पर भी अखिलेश ने कहा था कि क्योटो (काशी) के अलावा हर सीट गठबंधन जीत रहा है, आपका क्या कहना है? ये पुरानी बात हो गई है। उन्होंने भदोही में कहा कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है क्योटो वाले प्रधानजी चुनाव हार रहे हैं और इंडिया गठबंधन वाले चुनाव जीत रहे हैं।
गठबंधन के चार अहम चेहरे, प्रियंका, डिम्पल, राहुल, अखिलेश के काशी में प्रचार करने से कितना फर्क पड़ेगा?
काशी की जनता ऊब चुकी है। मोदी जी ने जो वादे किए थे बनारस के लिए, रोजगार देंगे, विकास होगा। कुछ हुआ नहीं, ढाक के तीन पात वाला काम हुआ। जो रोप वे बना रहे हैं वो शहर के अंदर बन रहा है। ये कहते हैं रोप वे शहर के भीतर बननेवाला पहला है।
लेकिन रोप वे शहर के भीतर बननेवाली चीज नहीं है। रोप वे के पिलर कॉलोनी में खड़े हो रहे हैं। 24 घंटे रोप वे चलेगा। वहां बहू बेटियां घर में सो रही होंगी। जो ऊपर से जाएंगे तो लोग फोटो खींचेंगे, वीडियो बनाएंगे। कितना बवाल होगा। काशी को मैट्रो की जरूरत थी।
दो बार आप चुनाव हारे, इस बार जीत के लिए क्या-क्या कर रहे हैं?
बनारस की जनता ने प्रधानमंत्री चुना था। प्रधानमंत्री स्तर का एक भी काम नहीं हुआ। एक कारखाने की बात करते हैं वो अखिलेश यादव के वक्त आया था। और उसमें भी मेरी जानकारी है कि कारखाने के परमानेंट कर्मचारी गुजराती हैं। बनारस के लोग ठेके पर रखे गए हैं।