केंद्र सरकार की तरफ से जल्द कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (#EPFO) की बचत योजना (पेंशन फंड) को बढ़ाया जाने वाला है. नए फैसले के बाद कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को ही पहले से ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन देना होगा. सरकार के इस कदम से कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी. इस निर्णय के बाद पहले से ज्यादा कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि के दायरे में आ जाएंगे.
फिलहाल ईपीएफओ (EPFO) की कर्मचारी भविष्य निधि (#EPF) योजना के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रति महीना है. इसमें आठ साल पहले 2014 में बदलाव किया गया था. उस समय इसे 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15000 रुपये किया गया था. ऐसी कंपनी या कारखाना जहां 20 से अधिक कर्मचारी हैं, नियमानुसार उन्हें कर्मचारियों का पीएफ जमा करना होता है.
जानकारी के अनुसार एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से जल्द ही वेतन सीमा बढ़ाने पर फैसला लिया जाने वाला है. बताया जा रहा है इसे महंगाई के हिसाब से इंडेक्स किया जाएगा. ईपीएफओ के तहत कवरेज के लिए समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी. सूत्रों का कहना है ईपीएफओ के तहत न्यूनतम सैलरी लिमिट को 15000 से बढ़ाकर 21000 किया जाएगा.
वेतन सीमा बढ़ने से कर्मचारी और नियोक्ता की तरफ से जमा किये जाने वाले #पीएफ का अंश ज्यादा हो जाएगा. अभी यह 15000 रुपये पर 1800 रुपये है, अगर इसे बढ़ाकर 21000 किया जाता है तो यह 2530 रुपये हो जाएगा. इससे भविष्य में तैयार होने वाला पेंशन फंड मौजूदा से ज्यादा हो जाएगा.