भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को जब पहली बार आमने-सामने मिलेंगे, तो पूरी दुनिया की नजर उनकी बैठक और उसके बाद होने वाले एलानों पर होगी। ट्रंप के अमेरिकी चुनाव हारने और बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बीच दुनियाभर में कूटनीतिक स्तर पर कई बदलाव आए हैं।
2016 में अमेरिका का प्रमुख रक्षा साझेदार बनने के बाद से ही भारत लगातार अमेरिका की आधुनिक सैन्य तकनीक हासिल करने में सफल रहा है। किसी भी अन्य देश के मुकाबले भारत और अमेरिका की सेनाएं सबसे ज्यादा युद्धाभ्यास में शामिल रही हैं।
पिछले महीने ही जब अमेरिका ने अफगानिस्तान से सैनिकों को निकालना शुरू कर दिया, तब चीन से लेकर पाकिस्तान तक ने दबी जुबान में अमेरिका पर निशाना साधा था। साथ ही अफगानिस्तान की कमान उसके लोगों के हाथों में सौंपने की वकालत भी की थी।
जहां अमेरिका लगातार स्वच्छ ऊर्जा का प्रचार कर इन लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश में है, वहीं एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत इकलौता ऐसा देश है, जो पेरिस जलवायु समझौते के तहत किए गए वादों को पूरा करने की ओर अग्रसर है