लखनऊ। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग ने वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग के अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने यह भी कहा है कि समय काल को देखते हुए विशेष परिस्थिति या विशेष व्यक्तिगत अनुरोध पर ही स्थानान्तरण आदेश जारी किए जाए।
एन.डी. द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले एक वर्ष से कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे देश में परिस्थितियां जनसामान्य के विपरीत रही है। विशेषज्ञों एवं सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में आगामी कुछ माह तक कोरोना संक्रमण के रहने तथा तीसरी लहर का आदेंशा भी जताया जा रहा है। यदि ऐसी स्थिति में कार्मिकों का स्थानान्तरण किया जाएगा तो अनावश्यक आवागमन करना, दूसरे जगह रहने की व्यवस्था करना, बच्चों के शिक्षा के लिए दूसरे स्कूलों में दाखिला कराने जैसे कई परेशानी सामने आएगी यही नहीं कोरोना सत्र में सबसे ज्यादा व्यवधान आवास की व्यवस्था करना होगा। स्थानांतरण किए जाने पर आवागमन के दौरान महामारी की चपेट में आने की प्रबल सम्भावना भी रहेगी।
उन्होने इस तथ्य से भी मुख्यमंत्री को लिखित रूप से अवगत कराया है कि बीते पंचायत चुनाव में शामिल अवर अभियंता और वे सहायक अभियंता जिन्होंने पंचायत चुनाव की डियुटी की थी उसमें से 25 प्रतिशत तक कोरोना संक्रमित हें अधिकांश के परिजन कोरोना संक्रमित और होम आइसोलेट है। प्रदेश के लगभग 35 अवर और सहायक अभियंता इस अवधि में काल कवलित हो गए। कई अभियंता जीवन मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे है। ऐसी स्थिति में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा लोक सेवकों के वार्षिक स्थानान्तरण सत्र को शून्य किए जाने वाले निर्णय की तरह प्रदेश सरकार भी वर्तमान स्थानान्तरण सत्र को शून्य घोषित करने का निर्णय लें। उन्होंने इसके साथ यह भी कहा है कि अगर आपातकाल जैसी कोई स्थिति या जरूरत पड़ती है या विशेष चिकित्सा, किसी कार्मिकों का विशेष अनुरोध हो तो वैसे स्थानान्तरण किए जाए।