• अर्धचन्द्राकार घाटों के गले में रौशनी का हार पहनाने वाले कुम्हारों के जीवन में योगी सरकार लाई नई रौशनी
• क्लस्टर में 90 प्रतिशत महिलाएं बना रही दीये, घर में कर रहीं आर्थिक सहयोग
• बाती बनाने वालों को भी मिला रोजगार, हो रही अच्छी आय
वाराणसी। लोकल से ग्लोबल हुई काशी की देव दीपावली विश्व में सनातन धर्म को रौशन करने के साथ ही काशी के कुम्हारों के घरों को भी रौशनी से भर रही हैं। दीपावली के बाद देव दीपावली के ऑर्डर ने इनके चेहरों पर मुस्कान ला दिया है। वहीं दीये की बाती बनाने वालों को भी अच्छा रोजगार मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से साल दर साल भव्य होती जा रही देव दीपावली जहां एक ओर काशी के अर्धचन्द्राकार घाटों को अलौलिक स्वरूप प्रदान कर रही है, वहीं लाखों की संख्या में जलाये जाने वाले दीयों के कारण कुम्हारों की जिंदगी भी बदल रही है।
इस साल काशी के घाटों को रोशन करने के लिए योगी सरकार ने 10 लाख दीयों और बाती का आर्डर दिया है। इसके अलावा #देव_दीपावली समिति और अन्य निजी संस्थाओं ने भी अलग से दीयो का ऑर्डर दिया है। साथ ही काशी की जनता भी जलाने के लिए दीये खरीद रही है। काशी में क्लस्टर चलाने वाले और काशी पॉटरी के महासचिव, राजेश त्रिवेदी ने बताया कि उनके पास समितियों की ओर से करीब ढाई लाख दीयो के ऑर्डर मिले हैं। इसमें सामान्य और डिजाइनर दिए शामिल हैं। दीपावली और देव दीपावली में कुम्भकारों की साल भर के लिए अच्छी कमाई हो जाती है।
उन्होंने बताया कि वाराणसी में 1500 से अधिक परिवार कुम्हार का कार्य करते हैं। देव दीपावली के मौके पर सिर्फ क्लस्टर में करीब 500 आर्टिजन काम कर रहे हैं। जो लगभग 500 रुपये रोजाना कमा लेते हैं। उन्होंने बताया कि क्लस्टर में दीया बनाने वाली 90 प्रतिशत महिलाएं हैं। जो घर में आर्थिक सहयोग कर रही हैं। कुम्हार विकाश प्रजापति का कहना कि पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने जब से देव दीपावली में नौका विहार किया है, तब से इस महापर्व को लेकर और ज्यादा रुझान बढ़ा है। साथ ही दीयो की मांग भी बढ़ गई है। सरकार की ओर से दी गई इलेक्ट्रिक सोलर चाक ने हम लोगों के काम को चार चाँद लगा दिया है। इस चाक से कम समय में अधिक दीये बनाकर हम लोग साल भर के लिए अच्छी कमाई कर लेते हैं।
बात दीयो तक नहीं खत्म होती, इसे रौशन करने वाली बाती भी अहम है। देव दीपावली पर दीयो के लिए बाती बनाने वाले इवेंट स्टूडियो के निदेशक शुभम त्रिपाठी ने बताया की लाखों की संख्या में सरकार की ओर से दीयो की बाती बनाने का आर्डर मिला है। सनातन धर्म में पवित्र माने जाने वाले कलावा (रक्षा सूत्र) के धागो से बाती बनाई जा रही है। घाट देर तक रोशन रहें, इसलिए बाती बड़ी बना कर मोम लगाया गया है। इस काम में करीब 45 लोगों से अधिक की टीम रात दिन काम कर रही है। शुभम ने बताया कि दीपावली व देव दीपावली जैसे अन्य अवसरों पर बाती बनाने वालों को रोजगार मिल जाता है और अच्छी आय हो जाती है।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता