दिवाली पर रामनगरी अयोध्या सजी और अब देव देपावली पर भगवान शिव की नगरी काशी का नंबर आ गया है। वाराणसी सोमवार को ‘देव दीपावली’ के भव्य उत्सव के लिए तैयार हो रहा है। शहर को फूल मालाओं और रोशनी से सजाया गया है। शहर के दृश्यों में सड़कें, चौराहे और प्रमुख स्थानों पर सजावट के बाट चकाचौंध दिखाई दे रही है। इस साल देव दिवाली पर 7 से 8 लाख श्रद्धालुओं के काशी पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 70 देशों के विदेशी मेहमान भी शामिल हैं
देव दीपावली, जिसे “देवताओं की दिवाली” के रूप में जाना जाता है, हिंदू कार्तिक माह की पूर्णिमा को आती है। ये दिवाली के पंद्रह दिन बाद आती है। इस बार 27 नवंबर को देव दीपावली पड़ रही है। ऐसे में वाराणसी को रोशनी से नहलाया जाएगा। गंगा नदी और उसकी अधिष्ठात्री देवी के सम्मान में रविदास घाट से राजघाट तक गंगा नदी के किनारे के घाटों को 12 लाख से अधिक मिट्टी के दीयों से रोशन किया जाएगा। उत्सव में चांदनी आकाश के नीचे पटाखे, लेजर और संगीत की विशेषता वाला एक शो शामिल है, साथ ही हरे हवाई पटाखों का प्रदर्शन भी शामिल है।
शिव की धुनें और भजन बजेंगे
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, काशी के अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर दीपों की माला सजाई जाएगी। विज्ञप्ति में कहा गया है, पर्यटक चांदनी आकाश के नीचे पटाखों, लेजर और संगीत के शो का आनंद ले सकेंगे। हरे रंग की आतिशबाजी का एक शो भी आकाश को कवर करेगा, जबकि पृष्ठभूमि में शिव की धुनें और भजन बजेंगे।
घाटों को 12 लाख दीयों से सजाया जाएगा
श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने रेत पर ग्रीन एरियल पटाखा शो का आयोजन किया जाएगा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि देव दिवाली को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार घाटों को 12 लाख दीयों से रोशन करने के साथ-साथ लेजर और क्रैकर शो का भी आयोजन कर रही है।
उत्सव में लगभग 13 मिनट तक चलने वाला एक हरित हवाई पटाखा शो भी शामिल होगा, जो वाराणसी में देव दिवाली की दिव्यता और भव्यता को बढ़ाएगा। इस वर्ष 7 से 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।