मुंबई: एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी के पुनर्विकास में अब तेजी आने की उम्मीद है। दरअसल धारावी और उसके आसपास के निवासियों के एक नवगठित संघ ने राज्य सरकार के नेतृत्व में चल रहे सर्वेक्षण को अपना समर्थन दे दिया है। तीन अरब डॉलर की धारावी पुनर्विकास परियोजना को अदाणी समूह द्वारा विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से धारावी के करीब 10 लाख निवासियों का जीवन बदलने का वादा किया गया है।
धारावी के निवासी निकाय ने कहा- बिना किसी देरी के आगे बढ़े काम
धारावी निवासियों के ‘नागरिक और समाज विकास कल्याण निकाय’ ने 30 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार के ‘धारावी पुनर्विकास परियोजना/झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण’ (डीआरपी/एसआरए) के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास को लिखा, ‘हम विनती करते हैं कि पुनर्विकास का काम बिना किसी और देरी के आगे बढ़ाया जाए,
ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सर्वेक्षण जल्द से जल्द किया जाए।’ ‘धारावी बनाओ’ आंदोलन का नारा देने वाले नागरिक और समाज विकास कल्याण के प्रतिनिधियों ने श्रीनिवास से मुलाकात की और धारावी में किए जा रहे सर्वेक्षण को शीघ्र शुरू करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
परियोजना पूरी होने में लग सकता है सात वर्ष का समय
18 मार्च, 2024 को शुरू हुए राज्य सरकार के सर्वेक्षण में अब तक घर-घर जाकर 10,000 मकानों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 21,000 से ज़्यादा मकानों की गिनती की जा चुकी है। इसमें धारावी के रिहायशी, व्यावसायिक मकान और धार्मिक संरचनाएं भी शामिल हैं। घनी आबादी वाले धारावी का लगभग 600 एकड़ क्षेत्र का मानचित्रण पुनर्विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे पूरा होने में सात साल का समय लगने की संभावना है।
परियोजना पूरी होने के बाद पात्र निवासियों को इस क्षेत्र में 350 वर्ग फुट का फ्लैट मिलेगा, जबकि अपात्र निवासियों को मुंबई में कहीं और फिर से बसाया जाएगा। 3-डी मैपिंग विशेषज्ञ जेनेसिस इंटरनेशनल लिमिटेड इस क्षेत्र का मानचित्रण करेगा, जबकि यूके कंसल्टेंसी ब्यूरो हैपोल्ड लिमिटेड भौतिक बुनियादी ढांचे की ज़रूरतों को रेखांकित करेगा और बोस्टन स्थित सासाकी एसोसिएट्स इंक समग्र पुनर्डिज़ाइन का काम करेगी।