इमामी एक भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। कंपनी का विस्तार एफएमसीजी, रियल एस्टेट और स्वास्थ्य देखभाल समेत कई क्षेत्रों में है। 34,000 करोड़ रुपये की कंपनी 60 से अधिक देशों में अपने उत्पाद बेचती है। देश में इसके उत्पाद 45 लाख खुदरा दुकानों में उपलब्ध हैं। 70 के दशक में शुरू हुई इस कंपनी की नींव दो दोस्तों राधेश्याम अग्रवाल और राधेश्याम गोयनका ने रखी थी। 50 साल की यह यात्रा कैसी रही और क्या चुनौतियां आईं, इस पर समूह के निदेशकों आदित्य वी अग्रवाल और मनीष गोयनका से राहुल कांकरिया की खास बातचीत…
इमामी ग्रुप ने हाल ही में अपनी 50वीं सालगिरह मनाई। इस यात्रा में सबसे मूल्यवान सीख क्या रही?
वर्षों की यात्रा का वर्णन इतने कम शब्दों में करना मुश्किल है, लेकिन हमारी सबसे बड़ी सीख यही रही कि लगातार मेहनत करते रहना चाहिए। यही सफलता का मूलमंत्र है। इसके अलावा, खुद को सबसे आगे रखने के लिए आपको गुणवत्ता पर जोर देना होगा। 50 साल की इस यात्रा में हमने अपने बुजुर्गों से एकजुट होकर काम करना सीखा। उन्होंने हमें सबसे बड़ी चीज सिखाई कि आपस में विचार-विमर्श होंगे तो मतभेद भी होंगे, लेकिन कभी मनभेद नहीं होना चाहिए। यही हमारी तरक्की का सबसे बड़ा स्तंभ है। हमलोगों ने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि हालात चाहे जैसे भी हों, कभी कोई गलत रास्ता नहीं चुनना है। दूरदर्शिता के साथ सबको साथ लेकर चलने की सीख इतने बड़े समूह को चलाने की हमारी यात्रा को आसान करती गई। इसके अलावा, कई बार आपको मजबूत फैसले लेने पड़ते हैं।
विकास के नए अवसर खोजने और भविष्य को आकार देने में साझेदारी की क्या महत्ता है?
केपीएमजी, ईएंडवाई और मैकेंजी जैसी कंपनियों को हमने जोड़कर रखा है। यह हमारे समूह के लिए सीखने का मजबूत जरिया है। इन कंपनियों के पास देश-विदेश में चल रहे कारोबारी गतिविधियों की जानकारी होती है। ऐसी सूचनाएं भी हमारे लिए भविष्य के नए अवसर खोजने में मदद करती हैं। मैकेंजी हमारी फूड प्रोडक्ट कंपनी इमामी एग्रो डिवीजन में विशेष कंसल्टेंसी कर रही है।
समूह के पास उपभोक्ता सूची में नवीनता की विरासत है। आगे कौन से उत्पाद आएंगे?
इमामी हर समय ग्राहकों की प्रसन्नता वाले उत्पाद पर फोकस कर अपने नए उत्पाद बाजार में लाती है। फेयर एंड हैंडसम एक उदाहरण है। हम लोग हर समय कुछ नया करने का प्रयास करते हैं। आगे भी हम ऐसे नए उत्पाद लोगों के बीच लेकर आएंगे।
किन-किन क्षेत्रों में नए अवसर देख रहे हैं?
भारत अपने आप में बहुत बड़ा अवसर है और यह लगातार बढ़ता जा रहा है। हमें खुशी है कि अपने देश में हमारे पास इतने मौके हैं। अगर हम आज की क्षमता के हिसाब से भी इन अवसरों को भुनाएं तो हमारी तरक्की की रफ्तार दोगुनी से ज्यादा बढ़ सकती है। अभी हम खाद्य तेल के क्षेत्र में दक्षिण भारत में नहीं हैं। धीरे-धीरे वहां जाएंगे। हम 70 से ज्यादा देशों में मौजूद हैं। हमारे उत्पाद अफ्रीका, पश्चिम एशिया और अन्य पड़ोसी देशों में लोकप्रिय हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हमारे कुछ उत्पाद तो नंबर-1 और नंबर-2 पर हैं।