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गंगा की रेत में आकृति की खोज, गुरु राम छाटपार के 78वें जन्मदिवस पर आयोजन

• शिल्पियों के हुनर से रेत ने दिया संदेश

• गंगा पार रेती पर जुटे 400 कलाकार, 30 को मिला विशेष पुरस्कार

वाराणसी। आधुनिक मूर्ति शिल्पी गुरु राम छाटपार के 78वें जन्मदिवस पर वृहस्पतिवार को ‘राम छाटपार शिल्पन्यास’ द्वारा गंगापार रेती में सेंड आर्ट का नायाब हुनर देखने को मिला। पूर्वाह्न 10 बजे शुरु हुआ युवा कलाकारों का सृजन अपराह्न चार बजे तक चला। इस आयोजन में 400 से ज्यादा प्रतिभागी कलाकारों ने अपनी कला को आकृति ही नहीं बल्कि उसके माध्यम से समाज को संदेश भी दिया। कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों के साथ ही अन्य राज्यों से पधारे कलाकारों ने रेत पर आकृति उकेरी।

इस बार के कार्यक्रम की थीम थी ‘रेत पर आकृति की खोज।’ न्यास के प्रथम अध्यक्ष वरिष्ठ मूर्तिकार पद्मश्री प्रो शंखो चौधरी थे। इन कला समूहों की रही भागीदारी,सेंड आर्ट के आयोजन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला के छात्रों के साथ गोरखपुर, आजमगढ़, लखनऊ, प्रयागराज समेत विभन्न शहरों के कलाकार शामिल हुए।

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पुरस्कृत हुए कलाकार : प्रत्येक वर्ष की भांति एक-एक हजार रुपये के 30 नकद पुरस्कार राम छाटपार शिल्पन्यास द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अथिति अपर आयुक्त लियाकत अली द्वारा 30 पुरस्कारों तथा सर्टिफिकेट का वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त मुख्य अतिथि ने अपनी ओर से 3000 रुपये का एक प्रथम पुरस्कार धीरेंद्र महिला पीजी कॉलेज की छात्राओं के द्वारा निर्मित कलाकृति ‘कंडीशन आफ वोमेंस इन इंडिया’ को दिया गया 2000-2000 रुपये के दो पुरस्कार क्रमश: पहला डॉ विभूति “नारायण सिंह परिसर गंगापुर के छात्रों द्वारा निर्मित कलाकृति काशी नगरी एवम रिपु आर्ट क्लासेज द्वारा निर्मित कलाकृति काझांवाला” कांड कला कृति को दिया गया। वहीं 1000 रुपये के तृतीय पुरस्कार एनटीपीसी परिसर शक्ति नगर के छात्रों द्वारा निर्मित 75 अमृत महोस्तव को प्रदान कर उत्साह बढ़ाया।

इन मुद्दों पर बनायी कलाकृतियां- जी-20, दिल्ली कांड कंझावला, नेपाल प्लेन क्रैश, कन्या भ्रूण हत्या, विश्वनाथ धाम की भव्यता, मोबाइल की गिरफ्त में युवा, नशा की विभिषिका, श्रद्धा हत्याकांड, गो ग्रीन, स्वस्थ भारत, बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति, समेत अन्य बिन्दुओं की ओर युवा कलाकारों ने लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। राम छाटपार शिल्प न्यास के संस्थापक मदन लाल गुप्ता ने सभी को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। और इस आयोजन के 1989 से चले आ रहे कार्यक्रम की संक्षिप्त रुपरेखा प्रस्तुत की।

गंगा रेती में आकृति की खोज बनारस में अनूठा कला प्रयोग

माइकेल ऐंजेलो ने कहा था कि शिल्पकार मूर्तियों का निर्माण नहीं करता है वह केवल पत्थर में छीपी आकृति को उकेरता है। यानी कलाकार एक प्रकार से खोजी होता है। इसी खोज से वह रचनात्मक कार्य करता है जो दर्शकों को अचंभित कर देता है। ठीक उसी प्रकार से रेत में आकृति की खोज करना एक विशेष प्रक्रिया है। विशेष कर बनारस में गंगा नदी के बीच में उभरे सामयिक रेत के टीलों पर।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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