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अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद बढ़ी पाकिस्तान की चुनौतियाँ, क्या जल्द होगा युद्ध ?

अफगानिस्तान के तालिबान शासन के साथ बढ़ रहे तनाव से पाकिस्तान के लिए सुरक्षा संबंधी अंदरूनी चुनौतियां और गंभीर हो सकती हैं। इस घटनाक्रम पर नजर रख रहे पर्यवेक्षकों ने ये आशंका जताई है।

उनके मुताबिक अफगान तालिबान का दबाव हटने के बाद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पाकिस्तान के अंदर अपने हमले तेज कर सकता है।

इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा- ‘इस बाड़ को लगाने के लिए हमारे शहीद जवानों ने अपने खूब बहाए हैं।’पिछले महीने अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में पाकिस्तान से लगी सीमा पर तालिबान लड़ाकों ने बाड़ लगाने का काम जबरन रोक दिया था। उन्होंने बाड़ लगाने में काम आने वाली सामग्रियां जब्त कर ली थीं।

साथ ही इसका मकसद व्यापार को नियमित करना है। उन्होंने कहा- ‘पाक-अफगान सीमा पर सुरक्षा, सीमा के आर-पार आने-जाने, और व्यापार को रेगुलेट करने के लिए बाड़ की जरूरत है। इसका मकसद लोगों को बांटना नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षित करना है।’

तालिबान को एतराज इस बात पर है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सरहद को बिना तय किए पाकिस्तान बाड़ लगा कर अपना दावा मजबूत कर रहा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा को डूरंड लाइन कहा जाता है।

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