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डीएम की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की हुई बैठक

  • फाइलेरिया की रोकथाम के लिए 21 दिसंबर से एमडीए अभियान
  • डीइसी, अल्बेंडाजोल व आइवरमेक्टिन का कराया जायेगा सेवन
  • पायलट प्रोजेक्ट में औरंगाबाद सहित दो अन्य जिला भी शामिल

औरंगाबाद। जिला में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरुआत होगी। यह अभियान 21 दिसंबर से प्रारंभ किया जायेगा। सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत अल्बेंडाजोल, डीईसी सहित एक नई दवा आइवरमेक्टिन को शामिल किया गया है जिसका सेवन सभी लोगों को कराया जाना है। इस दिशा में जिला समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी सौरभ जौरवाल की अध्यक्षता में जिला समन्व्यय समिति की बैठक की गयी। इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद, एसीएमओ डॉ किशोर कुमार, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कुमार महेंद्र प्रताप, सभी ग्यारह प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम व बीसीएम, केयर इंडिया, यूनिसेफ व विश्व स्वास्थ्य संगठन, पीसीआई, झापीगो के प्रतिनिधि, जीविका, शिक्षा तथा अन्य विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। सर्वजन दवा सेवन अभियान को लेकर जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को आवश्यक सहयोग देने का निर्देश दिया है।

जिला में 33 लाख आबादी को कराया जायेगा दवा का सेवन: जिलाधिकारी को इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया जिला में 33 लाख लोगों को सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दवा का सेवन कराया जायेगा। इसके लिए 1100 टीम गठित की जायेगी। 21 दिसंबर से प्रारंभ सर्वजन दवा सेवन अभियान अगले 14 दिनों तक चलेगा। फाइलेरिया की रोकथाम के लिए पूर्व में हुए सर्वजन दवा सेवन अभियान में डीईसी और अल्बेडाजोल की दवा दी गयी थी लेकिन इस बार इस अभियान के दौरान आइवरमेक्टिन दवा को शामिल किया गया है। यह तीनों दवा दी जायेगी। राज्य में मास ड्रग एडमिन्स्ट्रिेशन—आइवरमेक्टिन ड्रग एडमिन्स्ट्रिेशन अभियान में औरंगाबाद सहित दो अन्य जिलों शिवहर तथा शेखपुरा को भी शामिल किया गया है। सर्वजन दवा सेवन अभियान का अनुश्रवण राज्य तथा केंद्र स्तर से भी किया जायेगा।

फाइलेरिया प्रसार की जांच के लिए लिये गये रक्त के नमूने: उन्होंने जानकारी दी उनके नेतृत्व में जिला के आठ प्रखंडों में फाइलेरिया की जांच के लिए रात में रक्त के नमूने भी लिये गये हैं जिन्हें लैब भेजा जायेगा। रक्त के नमूनों की जांच से क्षेत्र में फाइलेरिया प्रसार दर का पता चल पायेगा। मदनपुर, देव, कुटुंबा, नबीनगर, ओबरा, दाउदनगर, बारूण आदि प्रखंडों से रक्त के नमूने प्राप्त किये गये हैं। बताया कि फाइलेरिया दवा सेवन के दौरान किसी आपात स्थिति से निबटने के लिए प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया जाना है।

फाइलेरिया को ले दी गयी सिविल सर्जन सभागार में ट्रेनिंग: वहीं सर्वजन दवा सेवन अभियान के प्रांरभ होने से पूर्व सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कुमार महेंद्र प्रताप द्वारा सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों तथा बीएचएम तथा बीसीएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है और इसकी रोकथाम जरूरी है। इस दौरान हाथीपांव, जननअंगों के सूजने आदि के कारणों की विस्तृत चर्चा की गयी और सर्वजन दवा सेवन के तहत दिये जाने वाली दवाओं के बारे में बताया गया। साथ ही दवा के डोजेज के बारे में जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि दवा का सेवन आशा अपने सामने ही करायेंगी। दवा का सेवन खाली पेट में नहीं किया जायेगा। डीईसी और आइवरमेक्टिन का सेवन पानी के साथ और अल्बेंडाजोल की गोली चबा कर खिलानी है।

इस प्रशिक्षण के दौरान वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग से हर्षवर्धन, पीरामल स्वास्थ्य से धनंजय कुमार, केयर इंडिया से रीतेश कुमार, पीसीआई से अनमोल मिश्रा, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ अरुण कुमार, जापाइगो से डॉ रूपाली व अन्य मौजूद रहे।

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