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जिला पंचायत चुनाव परिणाम:  भाजपा के कहते में  67 जिला पंचायत अध्यक्ष, सपा को 5, रालोद व निर्दल को 1 -1 सीट  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना परचम लहरा दिया है। भाजपा के 21 प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीते थे और शनिवार को 53 पदों पर मतदान के बाद आए परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष का मैदान समेट दिया।

भाजपा ने कुल 75 जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर 67 में जीत दर्ज की है। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के खाते में पांच में सीट हैं। राष्ट्रीय लोकदल ने एक सीट पर जीत दर्ज की। जौनपुर से निर्दल श्रीकला रेड्डी और प्रतापगढ़ में जनसत्ता दल जनतांत्रिक की माधुरी पटेल जीती हैं। भाजपा ने समाजवादी पार्टी को उनके गढ़ मैनपुरी, रामपुर, बदायूं व आजमगढ़ के साथ ही कांग्रेस के किले रायबरेली में भी भाजपा के प्रत्याशियों ने शिकसत दी है।

उत्तर प्रदेश की सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा को प्रत्याशियों को निर्दलियों का काफी समर्थन मिला है। इसके साथ ही भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली अपना दल (एस) को भी दो में से एक सीट पर जीत मिली है। जौनपुर में बाहुबली बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को जीत मिली है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने बलिया व आजमगढ़, रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का दबदबा प्रतापगढ़ में कायम है। उनकी पार्टी जनसत्ता दल ने खाता खोला तो बागपत में रालोद ने तमाम उठापटक के बाद भी जीत दर्ज करने में सफलता प्राप्त की।

प्रदेश के 75 जिलों में जिन 22 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं, उनमें 21 भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इटावा में समाजवादी पार्टी ने अपना गढ़ बचाने में सफलता प्राप्त की है। 29 जून को नाम वापसी की अवधि गुजरते ही सभी के चुने जाने की घोषणा कर दी गई। निर्विरोध चुने गए अध्यक्षों में जहां 21 भाजपा के हैं वहीं एक मात्र इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी ही सपा के हाथ लगी है।

1- मैनपुरी : समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी में भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता। यहां पर भाजपा की अर्चना भदौरिया जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं।

2- रायबरेली : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भाजपा प्रत्याशी रंजना चौधरी ने जीत दर्ज की है। रंजना ने 30 मत पाकर कांग्रेस की आरती सिंह को हराया है। कांग्रेस प्रत्याशी आरती सिंह को 22 मत मिले हैं।

3- रामपुर : रामपुर में आजम खान का किला भी ध्वस्त हो गया है। यहां भाजपा के ख्यालीराम लोधी जिला पंचायत अध्यक्ष बने। लोध ने को 19 वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी नसरीन जहां को 13 वोट मिले। यहां पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने प्रशासन पर चुनाव में धांधली कराने का आरोप लगाते हुए आंबेडकर पार्क के सामने सपाइयों के साथ धरना शुरू किया।

4- लखनऊ : लखनऊ में भाजपा की आरती जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं। आरती रावत ने मतदान के बाद यहां पर समाजवादी पार्टी की विजयलक्ष्मी को तीन वोट से हराया। आरती को 14 और विजय लक्ष्मी को 11 वोट मिले। यहां पर जिला पंचायत के कुल 25 वोट थे। समाजवादी पार्टी ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।

5- अम्बेडकरनगर : भाजपा के श्याम सुंदर उर्फ साधू वर्मा ने बसपा के बड़े गढ़ अम्बेडकरनगर में 30 वोट हासिल कर जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का गौरव पाया। उनके प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के अजित यादव को दस वोट मिले। एक वोट खारिज किया गया। यहां पर कुल 41 जिला पंचायत सदस्य हैं।

6- गाजीपुर : गाजीपुर में नामांकन के दिन भाजपा में शामिल होने वाली सपना सिंह ने 27 मत से चुनाव जीता। यहां से जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं सपना सिंह ने समाजवादी पार्टी की कुसुमलता को शिकस्त दी। कुसुमलता को 20 वोट मिले हैं।

7- मीरजापुर : भारतीय जनता पार्टी के राजू कन्नौजिया ने तमाम आरोपों के बीच 40 मत के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का गौरव पाया। उनके खिलाफ मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी आशा देवी को सिर्फ चार वोट ही मिले।

8- मुरादाबाद : प्रदेश के पंचायत राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के क्षेत्र मुरादाबाद में भाजपा की डा. शैफाली सिंह ने बाजी मारी। अमरोहा में भाजपा से ललित तंवर पहले ही निॢवरोध निर्वाचित हो चुके हैं।

9- उन्नाव : अंतिम समय पर टिकट मिलने के बाद भी काफी मेहनत करने वाली शकुन सिंह उन्नाव से जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं। उन्होंने भाजपा के बाजी अरुण को नौ वोट से हराया है। शकुन ने शनिवार को 28 वोट पाकर अध्यक्ष पद हासिल किया। वहीं, अरुण को 19 वोट प्राप्त हुए। एक वोट सपा की मालती रावत को मिला जबकि तीन वोट अनाधिकृत हो गए।

10- अलीगढ़ : ताला नगरी अलीगढ़ से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती विजय सिंह ने 30 वोट से जीत दर्ज की। उनको 38 वोट मिले, जबकि सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी अर्चना यादव आठ वोट मिले। श्रीमती विजय सिंह पूर्व सीएम कल्याण सिंह के बेटे व एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया की समधन हैं। अर्चना यादव बंदायू के पूर्व सांसद व अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव की बहन हैं।

11- बरेली : भाजपा की रश्मि पटेल को बरेली में टक्कर नहीं मिली। भाजपा की रश्मि पटेल ने 40 वोट पाकर जीत दर्ज की। उन्होंने समाजवादी पार्टी की विनीता गंगवार को हराया। विनीता को 19 वोट मिले। यहां पर सपा के 26 सदस्य थे, मगर वोट विनीता को 19 वोट मिले। एक मत निरस्त हुआ।

12- बदायूं : समाजवादी पार्टी के गढ़ बदायूं में भाजपा की वर्षा यादव ने सपा की सुनीता शाक्य को पांच वोट से हराया। भाजपा की वर्षा यादव को 28 और सपा की सुनीता शाक्य को 23 मत मिले।

13- सम्भल : भाजपा प्रत्याशी डा. अनामिका यादव सम्भल से जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो गई है। समाजवादी पार्टी के पुरजोर विरोध व तनातनी के बीच हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा. अनामिका यादव ने विजय हासिल कर ली। उन्हेंं 22 वोट मिले जबकि सपा प्रत्याशी प्रिया उर्फ प्रीती यादव को 13 मत मिले।

14- चंदौली : समाजवादी पार्टी से सांसद रहे रामकिशुन यादव का शुक्रवार रात को जिला पंचायत सदस्यों के चरणों पर गिरने का भी चंदौली में असर नहीं हुआ। यहां पर भाजपा उम्मीदवार दीनानाथ शर्मा ने 30 वोट पाकर जीत दर्ज की। रामकिशुन के भतीजे सपा प्रत्याशी तेजनारायण यादव को मात्र पांच वोट मिले। यहां पर पिछले 24 वर्ष में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा की यह पहली जीत है।

15- महोबा : भाजपा के जेपी अनुरागी सिर्फ दस वोट पाने के बाद भी महोबा के जिला पंचायत अध्यक्ष बने हैं। भाजपा के जेपी अनुरागी को दस और सपा के मृत्युंजय को चार वोट मिले है।

16- अमेठी : केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी का उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी में जादू चल गया। यहां भाजपा के राजेश अग्रहरि उर्फ राजेश मसाला ने 36 सदस्यों वाली जिला पंचायत में 31 मत अपने खाते में डाले। समाजवादी पार्टी की शीलम सिंह को मात्र चार मतों से ही संतोष करना पड़ा। एक मत रद हो गया है।

17- औरैया : भाजपा के कमल दोहरे ने औरैया में कमल खिला दिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद में कमल दोहरे ने जीत दर्ज की। कमल दोहरे को 13 और सपा प्रत्याशी रवि त्यागी को नौ वोट मिले।

18- सीतापुर : भाजपा ने सीतापुर में भी कमाल दिखाया है। यहां जिला पंचायत चुनाव में भाजपा की श्रद्धा सागर गुप्ता जीतीं हैं। उनको 56 वोट मिले जबकि समाजवादी पार्टी की अनिता राजवंशी को 23 वोट प्र संतोष करना पड़ा।

19- सिद्धार्थनगर : भाजपा की शीतल सिंह ने यहां पर 35 वोट की बड़ी जीत दर्ज की है। भाजपा की शीतल सिंह को 40 और समाजवादी पार्टी की पूजा यादव को पांच वोट मिले हैं।

20- बिजनौर : भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी साकेनद्र सिंह ने बिजनौर में जिला पंचायत के चुनाव में बड़ी सफलता हासिल की। साकेन्द्र ने सपा समॢथत चरनजीत कौर को हराया। साकेन्द्र सिंह को 30 वोट मिले हैं।

21- हाथरस : हाथरस में कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय का जादू चल गया है। यहां से उनकी पूर्व सांसद पत्नी सीमा उपाध्याय ने जीत दर्ज की है। सीमा उपाध्याय को 24 में से 13 वोट मिले, जबकि समाजवादी पार्टी व रालोद प्रत्याशी शशि चौधरी को 11 वोट मिले।

22- हरदोई : हरदोई में नरेश अग्रवाल का जादू चला है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार प्रेमावती ने समाजवादी पार्टी की मुन्नी देवी गौतम को 59 मत से हराया। 72 सदस्यों वाली जिला पंचायत में 71 मत पड़े। भाजपा की प्रेमावती को 65 मत और सपा की मुन्नी देवी गौतम को छह वोट मिले।

23- कानपुर शहर : कानपुर शहर में पूर्व कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण की बेटी भाजपा प्रत्याशी स्वप्निल वरुण ने 20 वोट से जीत दर्ज की है। भाजपा की स्वप्निल को 25 मिले। समाजवादी पार्टी के राजू दिवाकर को पांच मत मिले और 2 वोट अवैध हो गए।

24- कानपुर देहात : कानपुर देहात में भाजपा की नीरज रानी जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं। भाजपा समॢथत निर्दलीय प्रत्याशी नीरज रानी ने सपा प्रत्याशी रामसिंह यादव को हराया। नीरज रानी को 32 में से 26 व रामसिंह यादव को पांच वोट मिले। यहां पर एक जिला पंचायत सदस्य ने मतदान नहीं किया। विजयी नीरज रानी सांसद देवेंद्र सिंह भोले के भाई राजेंद्र सिंह की पत्नी हैं। लगातार दो बार से सपा का जिला पंचायत पर कब्जा था लेकिन इस बार सपा को यह सीट गंवानी पड़ी है।

25- शामली : भाजपा की प्रत्याशी को शामली में जीत दर्ज करने के लिए कड़ा संघर्ष करना। उनको कुल कुल दस वोट मिला जबकि रालोद-सपा गठबंधन प्रत्याशी अंजलि को नौ वोट मिली। अंजलि सिर्फ एक वोट से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने से चूक गईं। मधु गुर्जर के जीत के बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा व अन्य नेताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर बधाई दी।

26- मुजफ्फरनगर : भाजपा ने मुजफ्फरनगर में बम्पर वोट से जीत दर्ज की। भाजपा के डा. वीरपाल निर्वाल को 30 मिले। वहीं विपक्ष के सत्येंद्र बालियान जो केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के तेहरे भाई हैं, उनको सिर्फ चार वोट मिले। नौ जिला पंचायत सदस्यों ने मत प्रयोग ही नहीं किया। वोटिंग के दौरान ही सत्येंद्र बालियान ने भाजपा पर चुनाव धांधली के आरोप लगाया था। इसके अलावा यहां भाकियू रालोद के कार्यकर्ताओं ने बैरिकैडिंग तोडऩे का प्रयास किया था।

27- अयोध्या : अयोध्या में भाजपा की प्रत्याशी रोली सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बनी । रोली सिंह को 30 वोट मिला, जबकि सपा को केवल 10 वोट। सपा के सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग की । सपा सदस्यों ने भाजपा को वोट दिया।

28- बाराबंकी : बाराबंकी जिला पंचायत में पहली बार कमल खिला। राजरानी रावत अध्यक्ष बनीं । निंदूरा चतुर्थ से जिला पंचायत सदस्य राजरानी रावत को 48 और सपा की नेहा आनंद को आठ मत मिले। एक मत अवैध घोषित हुआ। सपा के सदस्यों ने की क्रास वोटिंग, सपा के 15 सदस्य चुने गए थे।

29- लखीमपुर : लखीमपुर में भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश भार्गव को को कुल 38 वोट मिले। सपा प्रत्याशी को 31 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ओमप्रकाश भार्गव को विजेता होने के बाद डीएम डॉ अरविंद कुमार चौरसिया ने प्रमाण पत्र द‍िया।

30- कन्नौज : जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रिया शाक्य ने कब्जा जमाया। उन्हें 28 में से 15 मत मिले। जबकि सपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव को 13 मत हासिल हुए।

31- फर्रुखाबाद : भाजपा समर्थित मोनिका 18 मत पाकर हासिल कर अध्यक्ष बनीं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी मोनिका यादव ने 30 में से 18 मत पाकर अपना कब्जा जमाया। सपा प्रत्याशी सुबोध यादव को केवल 12 मत हासिल हुए।

32- कुशीनगर : कुशीनगर में भाजपा की सावित्री जायसवाल ने 46 मत लेकर सपा प्रत्याशी रीता यादव को 31 वोट से हराया। रीता को 15 वोट मिले।

33- देवरिया: भाजपा प्रत्याशी गिरीश तिवारी ने देवरिया में सपा प्रत्याशी शैलजा यादव को 31 मत से पराजित किया है। कुल 56 मतों में गिरीश को 42 और शैलजा को 11 मत मिले। तीन मत निरस्त हुए।

34- बस्ती: बस्ती जिले में भाजपा के संजय चौधरी 39 मत से जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुने गए। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के वीरेंद्र चौधरी को महज चार मत मिले।

35- संतकबीर नगर: संतकबीर नगर में थोड़ी -बहुत खींचतान रही। यहां सपा के बलराम यादव ने भाजपा के कृष्ण कुमार चौरसिया को छह मतों से हराया। बलराम को 18 और कृष्ण को 12 मत मिले।

36- आजमगढ़ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में उनकी नाक बच गई। यहां पर पूर्व मंत्री व सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव के पुत्र पूर्व ब्लाक प्रमुख विजय यादव ने 84 में से 79 मत पाकर जीत दर्ज की। उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के संजय निषाद को मात्र पांच मत मिले।

37- बलिया : बसपा के समर्थन से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने वाले पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी के बेटे ने बलिया से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जीत दर्ज की। आनंद चौधरी ने 33 पाकर दो मंत्रियों वाले जिले में भाजपा प्रत्याशी को हराया। भाजपा प्रत्याशी सुप्रिया चौधरी को 24 वोट ही मिले।

38- बागपत : भाजपा में जाने के बाद फिर राष्ट्रीय लोकदल में वापसी करने वाली ममता किशोर ने बागपत में भाजपा की प्रत्याशी को सात वोट से हरा दिया। ममता किशोर को 12 और भाजपा की बबली देवी को सात वोट मिले। यहां एक वोट निरस्त हो गया। नामांकन वापसी के घमासान के बाद यह सीट सबसे अधिक संवेदनशील मानी जा रही थी।

39- प्रतापगढ़ : कुंडा से लगातार 25 वर्ष से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़ में अपना जलवा दिखा दिया। उनकी पार्टी जनसत्ता दल को कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष का समर्थन था। उनकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की प्रत्याशी माधुरी पटेल ने 40 मत पाकर जीत दर्ज की। जिला पंचायत अध्यक्ष की महिला आरक्षित सीट के लिए कुल 57 मत पडऩे थे, इसमें से 51 मत पड़े। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रत्याशी माधुरी पटेल को 40 मत मिले। सपा प्रत्याशी अमरावती देवी को छह और भाजपा प्रत्याशी क्षमा सिंह को तीन मत मिले। इसके अलावा दो मत अवैध घोषित कर दिए गए।

53 जिलों में कुल 116 उम्मीदवार

जिला पंचायत अध्यक्ष की 53 जिलों में कुल 116 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें 46 जिलों में दो-दो उम्मीदवार होने के कारण इनके बीच सीधा मुकाबला था। इनमें भी अधिकांश में भाजपा व समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आमने-सामने थे। चार सीटों पर त्रिकोणीय चुनाव था जबकि तीन सीटें ऐसी थीं जिनमें चार-चार उम्मीदवार चुनाव मैदान डटे थे। चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के बीच चल रही रस्साकशी अपने चरम पर पहुंची थी।

इन जिलों में चुनाव

मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, हापुड़, बिजनौर, रामपुर, संभल, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज, मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, औरैया, कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, अमेठी, बाराबंकी, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, अयोध्या, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र।

18 जिलों में पहले ही एक-एक नामांकन

राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि पीलीभीत, शाहजहांपुर, सहारनपुर व बहराइच के एक-एक प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लेने से इन जिलों में एक- एक प्रत्याशी थे। इन चारों जिलों के अध्यक्ष निॢवरोध चुन लिए गए हैं। 18 जिलों में पहले ही एक-एक नामांकन हुआ था। ऐसे में नाम वापसी की समय सीमा बीतने के बाद सभी संबंधित जिलों के अध्यक्ष भी निॢवरोध निर्वाचित घोषित थे। इनमें मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ व वाराणसी थे।

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