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घर बैठे सरकार के साथ करें ये बिजनेस, मिलेंगे 2.50 लाख रुपये , जानिए पूरा प्रोसेस

पूरे देश में मंगलवार को तीसरे जनऔषधि दिवस, 2021 समारोहों की शुरुआत हो गई. सप्ताह भर चलने वाले ये समारोह 1 मार्च से 7 मार्च, 2021 तक चलेंगे. देश भर में जन औषधि केंद्रों पर मंगलवार को स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए गए. जन औषधि केंद्रों पर लगे स्वास्थ्य जांच शिविरों में ब्लड प्रेशर जांच, मधुमेह के स्तर की जांच, मुफ्त डॉक्टर परामर्श, मुफ्त दवा वितरण आदि की व्यवस्था भी की गई. देश भर में विभिन्न स्थानों पर 1,000 से ज्यादा स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए गए. स्वास्थ्य शिविरों में आए आम लोगों को जन औषधि केंद्रों पर बिक रही दवाओं पर कीमतों से जुड़े फायदों और क्वालिटी के बारे में जानकारी दी गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल 7 मार्च को देश भर में “जनऔषधि दिवस” के रूप में मनाने का ऐलान किया था. बीते साल, दूसरे जनऔषधि दिवस पर 5695 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर हुए आयोजन में भारत के 15 लाख से ज्यादा लोगों ने सक्रिय रूप से भागीदारी की थी. 1 मार्च से 7 मार्च तक देश भर में हो रहे जन औषधि दिवस सप्ताह समारोह में स्वास्थ्य जांच शिविर, जन औषधि परिचर्चा, टीच देम यंग, जन औषधि का साथ आदि गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है.

“प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना” औषध विभाग, भारत सरकार द्वारा की गई एक विशेष पहल है, जो किफायती कीमत पर क्वालिटी दवाएं उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है. इसके स्टोर की संख्या बढ़कर 7,400 से ज्यादा हो गई है और देश के सभी 734 जिले इसके दायरे में आ चुके हैं. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान पीएमबीजेपी के माध्यम से 433.61 करोड़ रुपये (एमआरपी) की बिक्री हुई थी. इससे देश के सामान्य नागरिकों को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई थी, क्योंकि ये दवाएं औसत बाजार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं.

वर्तमान वित्त वर्ष 2020-21 में, 28.02.2021 तक कुल 586.50 करोड़ रुपये की बिक्री हो चुकी है, जिससे ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में नागरिकों को लगभग 3,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है. यह योजना स्थायी और नियमित आय के साथ स्व-रोजगार का एक अच्छा स्रोत भी उपलब्ध करा रही है.

कैसे खोलें जनऔषधि केंद्र

सरकार की तरफ से जनऔषधि केंद्र शुरू करने का सुनहरा मौका दिया जाता है. आम आदमी भी यह केंद्र खोलकर अच्छी कमाई कर सकता है. साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा करने का भी मौका मिलता है. यह औषधि केंद्र जेनेरिक दवाएं बेचता है और इस केंद्र को खोलने के लिए आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत सरकार ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद करती है जिससे आप आसानी से औषधि केंद्र खोल सकते हैं. यहां यह जानना जरूरी है कि सरकार पूरे ढाई लाख रुपये एक साथ नहीं देती है बल्कि किस्तों में यह राशि जारी की जाती है. यह पैसा हर महीने इंसेन्टिव के रूप में दिया जाता है.

कौन खोल सकता है जनऔषधि केंद्र

यह मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कुछ योग्यताएं तय की गई हैं. कोई भी गैर सरकारी संगठन, संस्था, सहकारी समिति जो राज्य सरकारों द्वारा मान्यताप्राप्त हैं, वे जनऔषधि केंद्र खोल सकते हैं. कोई भी गैर-सरकारी संगठन, सोसायटी, ट्रस्ट, संस्था, स्व सहायता समूह जिसे कम से कम 3 साल के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं चलाने का अनुभव है, वे इस सरकारी मेडीसिन सेंटर को खोल सकते हैं. कोई भी बेरोजगार फार्मासिस्ट, मेडिकल प्रैक्टिशनर जिसके पास सेंटर खोलने के लिए पूंजी और जगह हो, वह अप्लाई करने के बाद जनऔषधि केंद्र खोल सकता है. दुकान खोलने के लिए जरूरी है कि 120 वर्गफुट एरिया की एक जगह हो. सरकार की तरफ से सेंटर खोलने वालों को 650 से ज्यादा दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

किन दस्तावेजों की होगी जरूरत

केंद्र खोलने वाले व्यक्ति के पास आधार और पैन कार्ड होना चाहिए. अपनी जमीन नहीं है तो आप किराये पर भी कोई दुकान ले सकते हैं लेकिन उसका कागजात एप्लिकेशन के साथ देना जरूरी होगा. दवा बिक्री का लाइसेंस लेना जरूरी है और यह प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्रे के नाम पर होना चाहिए. फार्मासिस्ट का प्रमाण पत्र भी होना चाहिए. आप दुकान चलाने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत हैं या नहीं, यह दिखाने के लिए आपको पिछले तीन साल का बैंक स्टेटमेंट देना होगा.

कैसे करें ऑनलाइन अप्लाई

ऑनलाइन अप्लाई करने का तरीका काफी आसान है. सबसे पहले आपको इस लिंक पर क्लिक करना है. क्लिक करते ही online registration form खु

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